Wednesday, October 23, 2024
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दिव्यांगों की मसीहा हैं केबीसी विजेता हिमानी बुंदेला: नीरज

  • जीएलए में आयोजित युवा संसद में शामिल हुईं केबीसी विजेता हिमानी ने जीएलए के सीईओ नीरज से की मुलाकात


मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के सेटरेंगल क्लब द्वारा आयोजित ‘युवा संसद‘ में बतौर विशिष्ठ अतिथि शामिल हुईं कौन बनेगा करोड़पति कार्यक्रम की विजेता हिमानी बुंदेला और पूर्व मिस राजस्थान करिश्मा हड्डा ने जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं एनएचआरडीएन मथुरा चैप्टर के प्रेसीडेंट नीरज अग्रवाल से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान बुुंदेला ने दिव्यांगों और करिश्मा ने समाज हित के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी।


हिमानी बुंदेला ने कहा कि वह भले ही केबीसी में विजेता होकर एक बड़ी राशि जीत चुकी हैं, लेकिन लक्ष्य यहां तक नहीं है। बहुत कुछ बड़ा करना है। प्रत्येक विद्यार्थी का सपना होता है कि वह बहुत पैसे कमाये, लेकिन इसके लिए एक लक्ष्य तय करने की जरूरत है। अगर लक्ष्य भी विद्यार्थी तय कर लेता है तो, उसे हासिल करने के लिए लगन और जुनून की जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि वह 12 से अधिक न्याय पंचायतों का दौर कर चुकी है। जहां 72 गांवों के करीब 200 से अधिक दिव्यांगों से एक-एक कर मिलीं। साथ ही इनके माता-पिता की काउंसलिंग की और अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित किया।


दिव्यांगों के माता-पिता की काउंसलिंग के बाद आर्थिक स्थिति का पता लगा तो, उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इनके आधार कार्ड, मेड़िकल प्रमाण-पत्र, आयु प्रमाण आदि को तैयार कराने के लिए भी कैम्प लगाने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही व्हीलचेयर एवं अन्य संसाधन दिव्यांगों के लिए जुटाये गए हैं। पूर्व मिस राजस्थान करिष्मा हडा ने भी अपने द्वारा किए सामाजिक हित में किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया।


हिमानी बुंदेला के द्वारा दिव्यांगों के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं एनएचआरडीएन मथुरा चैप्टर के प्रेसीडेंट नीरज अग्रवाल ने कहा कि बुंदेला जी दिव्यांगों के लिए मसीहा बनकर उभरी हैं। इनके प्रयासों से दिव्यांगजन साक्षर हो सकेंगे। इसके अलावा जरूररतमंदों को व्हील चेयर सहित अन्य संसाधन भी उपलब्ध होंगे तो, वह घरों से बाहर निकलेंगे और परिवार के लिए दो जून की रोटी की व्यवस्था कर सकेंगे। श्रीअग्रवाल ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय की छात्रा भी उड़ान आसमां के माध्यम से मजदूर वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा बीएड की छात्राएं विभिन्न गांवों में जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में फैली कुप्रथा को नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से खत्म करने का प्रयास कर रही हैं।

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