बब्ले भारद्वाज
आगरा। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ट्रांसयमुना कॉलोनी में रॉयल हॉस्पिटल को बिना लाइसेंस के चलते हुए पकड़ा। छापे से पहले ही यहां से स्टाफ भाग गया। यहां चार मरीज भर्ती मिले। मरीजों को शिफ्ट करने के लिए निर्देशित करते हुए चिकित्सकीय कार्य बंद करने का नोटिस चस्पा कर दिया है।
अस्पताल पंजीकरण सेल के नोडल प्रभारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि भ्रूण का वीडियो वायरल होने पर छापा मारा था। यहां पर कोई स्टाफ नहीं मिला। कुछ देर बाद एक-दो कर्मचारी गेट पर मिले, पूछने पर वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे थे। अस्पताल का निरीक्षण किया तो इसमें चार महिलाएं भर्ती थीं, सभी के ऑपरेशन हुए थे। 15 बेड पड़े हुए थे। मेडिकल वेस्ट बिखरा हुआ था। अस्पताल में मिले कागजातों का निरीक्षण करने पर इसका पंजीकरण नहीं मिला। विभागीय रिकॉर्ड खंगालने पर पता लगा कि राहुल शर्मा नामक व्यक्ति ने रॉयल हॉस्पिटल के लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी इसका लाइसेंस नहीं हुआ। यहां मरीजों के इलाज की फाइल समेत अन्य कागजात जब्त कर लिए हैं। कोई जिम्मेदार व्यक्ति न मिलने पर मरीजों को शिफ्ट करते हुए चिकित्सकीय कार्य बंद करने का निर्देश देते हुए नोटिस चस्पा किया है।
ऑपरेशन कक्ष में नहीं मिले उपकरण
पीसीपीएनडीटी सेल के नोडल प्रभारी डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि भ्रूण का वीडियो वायरल होने पर अस्पताल की जांच की तो यहां पर भ्रूण नहीं मिला। ऑपरेशन थिएटर में कोई उपकरण नहीं मिला। हो सकता है कि वीडियो वायरल की खबर प्रकाशित होने के बाद अस्पताल संचालक ने साक्ष्य मिटाए हों। नोटिस दिया गया है, जवाब और संचालक उपस्थित नहीं हुआ तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
ऑपरेशन किसने किए, मरीजों को नहीं पता
नोडल अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि अस्पताल में चार मरीज थे, वह सभी महिलाएं थीं। इनमें से एक प्रसूता थी, 45 और 52 साल की दो महिलाओं के पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन हुआ था। चौथी मरीज की उम्र 71 साल थी, जिसका बच्चेदानी का ऑपरेशन हुआ था। इनसे पूछा कि ऑपरेशन किसने किया है, मरीज यही बोले कि उनका नाम तो नहीं पता, लेकिन स्टाफ उनसे डॉक्टर साहब कह रहा था। मरीजों की फाइल जब्त की है। संचालक के उपस्थित होने पर किस चिकित्सक ने ऑपरेशन किया है, इसका पता कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।