मथुरा। जनपद न्यायाधीश, राजीव भारती, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने संयुक्त रूप से जिला कारागार का निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राकेश सिंह, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनिका वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अजय वर्मा, जेल अधीक्षक ब्रजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी उपेंद्र सोलंकी, चिकित्सा अधिकारी डा. उत्पल सरकार, जेलर महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर श्री संदीप कुमार, शवानी यादव व अनूप कुमार सहित जेल के अन्य कर्मचारीगण, जेल बंदीगण आदि उपस्थित रहे। जिला कारागार मथुरा में आज निरीक्षण दौरान कुल 1757 बंदी निरूद्ध होना पाया गया।
जिला कारागार चिकित्सालय के निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 60 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है, जिन्हें 03 अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। सभी बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में जेल चिकित्सक डा० उपेंद्र सोलंकी से जानकारी ली गई। भीषण गर्मी से बचने हेतु इस चिकित्सालय में बंदी मरीजों के लिए कूलर व पंखे लगे हुए पाये गये, जोकि चालू अवस्था में थे। मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगा है, स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया।
पाकशाला (रसोई घर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान कुछ बंदी सायं के भोजन बनाने की तैयारी कर रहे थे। एक बड़ी मशीन द्वारा रोटियां सेकी जा रही थी। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई। महिला एवं पुरूष बंदियों को आज प्रातः नाश्ते में चाय, पाव रोटी व गुड़ दिया गया था तथा दोपहर के भोजन में अरहर की दाल, चावल, लौकी की सब्जी व रोटी दी गई। सांयकाल के भोजन में रोटी, उर्द छिलका की दाल, आलू बैगन की सब्जी दी जायेगी।
जनपद न्यायाधीश राजीव भारती द्वारा निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदियों से उनके प्रकरणों के संबंध में वार्ता करते हुए, निशुल्क विधिक सहायता के लिए अधिवक्ता के सम्बंध में जानकारी ली गई, बदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास उनके व्यक्तिगत एवं सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। जिला कारागार में साफ-सफाई पाई गई।
जनपद न्यायाधीश, जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी द्वारा अन्य न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुरुष बैरकों, बच्चा बैरक, महिला बैरक, पुस्तकालय आदि का भी निरीक्षण किया गया। बैरकों में बंदियों के लिए पीने के पानी हेतु आर.ओ. लगे हैं, मनोरंजन हेतु टी.वी. लगी हैं, गर्मी से बचाव हेतु कूलर व पंखे लगे हैं। महिला बैरक के पास महिला बंदियों हेतु महिला चिकित्सालय व महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों की शिक्षा हेतु शिक्षा कक्ष का निर्माण किया गया है।
इस महिला चिकित्सालय में महिला चिकित्सक व नर्सों द्वारा सप्ताह में एक दिन उपस्थित होकर महिला बंदियों का स्वास्थ परीक्षण किया जाता है। महिला चिकित्सालय के समक्ष बने शिक्षा कक्ष में महिला बंदियों द्वारा बच्चों को पढ़ाया जा रहा था। उपस्थित न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इन बच्चों को जूस, चॉकलेट तथा लेखन समिग्री प्रदान कराई गई।