वृंदावन। संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त एवं सोऽहम् आश्रम संस्कृत अध्ययन केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 20 दिवसीय शिविर चालक-शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग एवं संस्कृत संभाषण शिविर का समापन समारोह वैदिक विधि विधान के साथ वृन्दावन परिक्रमा मार्ग स्थित सोऽहम् आश्रम में किया गया।
संस्कृत भारती के संगठन मंत्री आचार्य श्रवण कुमार जी ने संस्कृत भारती के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देववाणी संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने के उद्देश्य से संस्कृत भारती द्वारा भारत वर्ष में अनेक स्थानों पर संस्कृत संभाषण शिविरों के आयोजन किए जा रहे हैं इसी क्रम में ब्रज प्रान्त का शिविर चालक-शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग एवं संभाषण शिविर का आयोजन सोऽ हम् आश्रम संस्कृत अध्ययन केन्द्र एवं संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त के संयुक्त तत्वावधान में वृन्दावन स्थित सोऽ हम् आश्रम में 12 जून से 02 जुलाई तक आयोजित किया गया इसके साथ मथुरा वृन्दावन महानगर में 18 स्थानों पर संस्कृत संभाषण शिविर का भी आयोजन किया गया है जिसका समापन समारोह वृन्दावन सोऽहम् आश्रम में किया गया।
शिविर के समापन समारोह में गीता मनीषी परम पूज्य महामंडलेश्वर श्री ज्ञानानन्द जी महाराज का आशिर्वचन प्राप्त हुआ उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती का प्रयास देववाणी संस्कृत भाषा को जनसाधारण की भाषा बनाने का बहुत ही सराहनीय है। आयोजन की अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय भागवत प्रवक्ता श्री अनिरुद्धाचार्य जी महाराज द्वारा की गई उन्होंने कहा कि संस्कृत भारत की पहचान है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सचिन गुप्ता ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति युवाओं में आकर्षण पैदा करने की आवश्यकता है। मुख्य वक्ता संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान नई दिल्ली के प्रो चांदकिरण सलूजा ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत भाषा के धर्म ग्रंथों पर आज विश्व के अनेक देशों में शोध कार्य किया जा रहा है। आयोजन के स्वागताध्यक्ष भदौरिया ग्रुप के चेयरमैन श्री हरिकृष्ण भदौरिया ने अपने स्वागत भाषण में सोऽ हम् आश्रम व संस्कृत भारती द्वारा चलाए गए अभियान की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान में युवाओं को संस्कृत के प्रति जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस पुण्य कार्य में लगे हुए सभी को धन्यवाद देते हुऐ पधारे हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इनके अतिरिक्त सोऽ हम् आश्रम के संत परम पूज्य श्री गौरवानन्द जी महाराज एवं भागवत प्रवक्ता श्री बद्रीश जी महाराज का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
समारोह का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य परम्पराओं के अनुसार अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर संस्कृत भारती न्यास अध्यक्ष ओमप्रकाश बंसल,डा रोशन लाल अग्रवाल, संगठन मंत्री नीलकंठ दास जी, आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संस्कृत भारती मथुरा महानगर अध्यक्ष आचार्य ब्रजेन्द्र नागर प्रचार प्रमुख रामदास चतुर्वेदी संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त के , गंगाधर अरोड़ा,गौरव गौतम, रघुवीर सिंह जी टीकाराम पांडेय, घनश्याम सिंह लोधी, योगेश उपाध्याय आवा, आचार्य मुरलीधर चतुर्वेदी, अनिता आचार्य, कोमल वर्मा, आरती राजपूत, हरस्वरुप यादव, हरिश्चंद्र अरुण आचार्य, आदि ने सभी अतिथियों का श्री फल, दुपट्टा, स्मृति चिन्ह व माला भेट कर स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डा डी पी गोयल, महन्त कान्ता नाथ चतुर्वेदी, सुनील दत्त चतुर्वेदी, सुभाष गुप्ता,मूल चंद गर्ग पार्षद, पृथ्वीराज पोईया सरदार राजेन्द्र सिंह होरा, पुंडरीक आदि की विशेष उपस्थिति रही।
समारोह का संचालन संस्कृत भारती ब्रज प्रान्त सहमंत्री गौरव गौतम द्वारा किया गया धन्यवाद ज्ञापन ब्रज प्रान्त मंत्री डा धर्मेन्द्र कुमार अग्रवाल ने किया।
समापन समारोह के अवसर पर संस्कृत भाषा में नाटक,एकल गीत,स्वागत गीत,एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन संस्कृत के छात्र छात्राओं द्वारा किया गया। समारोह का समापन कल्याण मंत्र से किया गया।