लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में पिटबुल (कुत्ता) हमले की कहानी ने सबको हैरान कर दिया। पिटबुल कुत्ते ने लखनऊ में रहने वाली 80 वर्षीय सुशीला त्रिपाठी को लगभग एक घंटे तक नोच-नोचकर मौत के घाट उतार दिया। सुशीला त्रिपाठी के पड़ोसियों ने अब इस घटना की खौफनाक सच्चाई बयां की है। जो कि होश उड़ा देने वाली है।
पड़ोसियों ने कहा है कि पिटबुल के हमले में सुशीला का मांस तक बाहर आ गया था। पिटबुल ने सुशीला को इतना नोचा था कि उसका मांस शरीर से बाहर निकल गया। पड़ोसियों ने ये भी दावा किया कि पिटबुल ने सुशीला का मांस खाया भी। इस घटना से पूरे में दहशत का माहौल है।
टहलाने निकली कुत्ते को महिला, कर दिया हमला
लखनऊ के बंगाली टोला की रहने वाली 80 साल की सुशीला त्रिपाठी पर उनके ही पालतू पिटबुल ब्राउनी ने मंगलवार (12 जुलाई) की सुबह हमला कर दिया था। असल में हर दिन की तरह रिटायर शिक्षिका सुशीला त्रिपाठी अपने पिटबुल ब्राउनी और लेब्राडोर को लेकर टहलाने निकली थीं। इसी दौरान पिटबुल ने सुशीला पर हमला कर दिया। लोगों ने बताया कि पिटबुल ने अपनी पूरी ताकत लगाकर सुशीला पर हमला किया।
महिला का मांस नोच-नोच कर खा रहे थे पिटबुल
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक हमले के बाद पिटबुल सुशीला का मांस नोच-नोच कर खा रहे थे। एक पड़ोसी के मुताबिक जब पिटबुल ने सुशीला पर हमला किया तो वह जोर-जोर से चिल्ला रही थीं। सुशीला की चीखने की आवाज सुन जब पड़ोसी बाहर निकले तो देखा खून से लथपथ सुशीला जमीन पर गिरी हैं और पिटबुल उसे नोच रहे हैं और उसका मांस खा रहे हैं।
हमने पिटबुल को भगाने की कोशिश की, लेकिन वो खाता रहा मांस
पड़ोसियों ने बताया, श्श्जब सुशीला चिल्ला रही थीं तो हमलोगों ने मिलक पिटबुल को भगाने की काफी कोशिश की, हमने ईंट-पत्थर मारे लेकिन वो फिर भी रुका नहीं, वो सुशीला का मांस खाता रहा। लगभग एक घंटे तक हम पिटबुल को भगाने की कोशिश में लगे रहे लेकिन वो रुका नहीं। उसके बाद वो सुशाली के शरीर को खींच कर अंदर ले गया और लगभग एक घंटे तक बुजुर्ग महिला को नोच कर कुत्ता खाता रहा।
पिटबुल आदमखोर हो गया है…
आजतक ने पड़ोस में रहने वाली नलिनी के हवाले से लिखा, श्श् सुशीला के घर में रहने वाला पिटबुल इतना खतरनाक था कि उसे वो लोग घर से बाहर बहुत कम निकालके थे। वो घर में ही रहता है। लेकिन उस दिन सुशीला उसे बाहर टहलाने लाई थी। वो इतना खतरनाक था कि अपनी ही मालकिन को घंटेभर नोंचता रहा। हम काफी दिनों तक उस हादसे को भूल नहीं पाएंगे। हम नगर निगम से मांग करते हैं कि पिटबुल को यहां से बाहर ले जाएं।
घटना के वक्त घर पर अकेली थी महिला, 25 वर्षीय बेटा गया था जिम
घटना के वक्त सुशीला घर पर अकेली थी। उसका 25 वर्षीय बेटे हिमांशु (बदला हुआ नाम) कपूरथला के एक जिम में ट्रेनर है, घटना के वक्त वो जिम में था। उनके पास दो पालतू कुत्ते हैंरू एक पिट बुल और एक लैब्राडॉग। जब बेटा घर लौटा तो मां खून से लथपथ थी। पड़ोसियों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे हिमांशु अपने रूटीन के मुताबिक जिम गया था। सुबह 6 बजे के आसपास, उन्होंने कुत्तों के भौंकने और सुशीला के रोने की आवाज सुनी, जब उस पर पिटबुल ने हमला किया।
हम सो रहे थे जब चाची, चिल्ला रही थीं…
एक पड़ोसी जय ने कहा, हम सो रहे थे जब हमने चाची को मदद के लिए रोते हुए सुना। हम उनके दरवाजे पर पहुंचे लेकिन यह अंदर से बंद था और चाची खून से लथपथ थीं। हमने दरवाजा खोलने की कोशिश की लेकिन यह बंद था। हमने तुरंत हिमांशु को सूचित किया। जब हिमांशु आया तो तब तक चाची हमारे बीच नहीं थी।
महिला के शरीर में घंस गए थे कुत्ते का दांत, फट गया था पेट का मांस
मृतक सुशीला के शरीर में कुत्ते के दांत धंस गए थे और पेट का मांस फट गया था। वरिष्ठ डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की लेकिन अत्यधिक खून की कमी के कारण दम तोड़ने वाली महिला को नहीं बचा सके। ट्रॉमा सेंटर के वरिष्ठ डॉक्टरों ने बताया कि सावित्री के गले से लेकर पेट और पैरों तक कई गहरे घाव थे। बाद में शाम को पोस्टमॉर्टम किया गया और बैकुंठ धाम में सुशील का अंतिम संस्कार किया गया। घटना से हिमांशु बहुत दुखी हैं।