Sunday, March 16, 2025
Homeन्यूज़न्यूज़संस्कृति विवि के छात्रों को एसबीएल और एमकेडी कार्प में मिली नौकरी

संस्कृति विवि के छात्रों को एसबीएल और एमकेडी कार्प में मिली नौकरी

मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का दो बड़ी कंपनियों एसबीएल और एमकेडी कार्प साइंस में प्लेसमेंट हुआ है। कंपनियों द्वारा ली गई परीक्षाओं और सक्षात्कार के बाद विद्यार्थियों को आफर लेटर प्रदान किए गए। विद्यार्थियों के चयन पर विवि प्रशासन के अधिकारियों ने बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।


संस्कृति विवि के प्लेसमेंट सेल द्वारा दी गी जानकारी के अनुसार होम्योपैथी दवाइयां बनाने वाली विश्वविख्यात कंपनी एसबीएल ने चयन प्रक्रिया में सफल होने वाले संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी के बी. फार्मा के छात्र अमित कुमार तिवारी और अरविंद कुमार को अपनी कंपनी में अच्छे वेतनमान पर नौकरी दी है। कंपनी की ओर से आए एचआर विभाग के मोहित कुमार ने बताया कि कंपनी होम्योपैथी की दवाइयों के उत्पादन में बड़ा स्थान रखती है। उन्होंने बताया कि इस कड़ी चयन प्रक्रिया में संस्कृति विवि के विद्यार्थियों का प्रदर्शन बहुत उच्च कोटि का पाया गया और उन सभी में से कंपनी ने आवश्यकतानुसार दो विद्यार्थियों का चयन किया है।


वहीं पेस्टीसाइड, फर्टिलाइजर के अलावा कई अन्य एग्रीकल्चर केमिकल निर्माता कंपनी एमकेडी कार्प साइंस कंपनी द्वारा संस्कृति विवि के बीएससी एग्रीकल्चर के 10 छात्रों को नौकरी दी गई है। कंपनी से आए सीनियर एचआर मैनेजर शाहिद खान ने बताया कि कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर का उत्पादन किया जाता है। कंपनी अपने क्षेत्र में अपने उत्पादों की श्रेष्ठता के लिए जानी जाती है। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया के दौरान यह स्पष्ट हुआ है कि संस्कृति स्कूल आफ एग्रीकल्चर द्वारा विद्यार्थियों को कृषि के क्षेत्र में आधुनिकतम और व्यवहारिक शिक्षा दी जा रही है।

यही वजह है कि विद्यार्थी हर सवाल का जवाब देने में समर्थ हैं। उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के बाद बीएससी एग्रीकल्चर के छात्र सुरज कुमार वर्मा, जावेद आलम, आकाश दीक्षित, धीरेंद्र सिंह, प्रिंस कुमार, सुधांशु रंजन, अंकित कुमार, अंकुश यादव, अतिया अनीस और श्वेता तिवारी को आफर लेटर दिए गए हैं। दोनों कंपनियों में चयनित विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कुलपति डा.तन्मय गोस्वामी ने कहा कि कंपनियों के साथ मेहनत करें और नवोन्मेश कर न केवल कंपनी को आगे बढ़ाएं वरन संस्कृति विश्वविद्यालय का भी नाम रौशन करें।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments