- स्तनपान हर नवजात शिशु के लिए अमृततुल्यः डॉ. आर.के. अशोका
- के.डी. हॉस्पिटल में सप्ताह भर चले विविध कार्यक्रम
मथुरा। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए स्तनपान कराया जाना बहुत आवश्यक है क्योंकि स्तनपान हर नवजात शिशु के लिए अमृततुल्य होता है। मां का दूध बच्चे के लिए सम्पूर्ण आहार होने के साथ ही इसमें कुपोषण से बचने के सभी तत्व मौजूद होते हैं। यह जानकारी के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने विश्व स्तनपान सप्ताह के समापन अवसर पर उपस्थित लोगों को दी।
गौरतलब है कि एक अगस्त से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया जिसमें मेडिकल छात्र-छात्राओं द्वारा रंगोली, नुक्कड़ नाटक आदि कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को स्तनपान की महत्ता से जागरूक किया गया। समापन अवसर पर विविध कार्यक्रमों के विजेता और उप-विजेता मेडिकल छात्र-छात्राओं को ट्राफी और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। पारितोषिक वितरण समारोह में विशेषज्ञ चिकित्सकों ने स्तनपान के महत्व पर प्रकाश डाला।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 का थीम- स्तनपान शिक्षा और सहायता के लिए कदम बढ़ाएं, है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन परिस्थितियों में रहने वाले परिवारों की माताएं भी स्तनपान के माध्यम से बच्चों को कुपोषण के खतरे से बचा सकती हैं। कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सैयद हसन नवाज जैदी ने कहा कि वैश्विक स्तर के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ 44 फीसदी बच्चों को ही जन्म के छह महीने तक स्तनपान कराया जाता है, जोकि चिन्ताजनक है। डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि स्तनपान बच्चे के लिए पहले टीके के रूप में कार्य करता है और उन्हें बचपन की सामान्य बीमारियों से बचाता है।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. श्वेता गुप्ता ने कहा कि आज के समय में माताओं को स्तनपान कराने के लिए गुणवत्ता परामर्श और व्यावहारिक सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है। नवजात को स्तनपान मिल सके, यह सुनिश्चित करना न केवल माताओं बल्कि परिवार और समुदायों की सामूहिक जिम्मेदारी है। अनुकूल नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से हमें हर व्यक्ति को शिक्षित करने की आवश्यकता है, जिससे बाल मृत्युदर और बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सके।
विश्व स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम की संयोजक डॉ. गगनदीप कौर ने सप्ताह भर चले कार्यक्रमों की जानकारी दी। अंत में विविध कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करने वाले मेडिकल छात्र-छात्राओं को प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार, विभागाध्यक्ष शिशु रोग डॉ. के.पी. दत्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. वी.पी. पांडेय, डॉ. सैयद हसन नवाज जैदी आदि के करकमलों से ट्राफी और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल और प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने अपने संदेश में ऐसे जागरूकतापूर्ण कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि भविष्य में भी सामाजिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों में चिकित्सकों तथा छात्र-छात्राओं को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।