न्यूयॉर्क। अमेरिका के मिनेसोटा नदी में करीब 8000 साल पुराना कंकाल मिला है। यह कंकाल सितंबर 2021 में मिनेसोटा नदी के किनारे रेत में दबा मिला था। जब पहली बार यह कंकाल दिखा तो अधिकारियों ने समझा कि यहा कुछ वक्त पहले काउंटी से लापता हुए एक व्यक्ति का है। उस दौरान किसी ने भी यह नहीं समझा था कि यह इतने हजार साल पुराना हो सकता है।
रेनविले काउंटी के अधिकारियों ने कहा कि पिछली गर्मियों में मिनेसोटा नदी के किनारे मिली थी। एफबीआई की मदद से इस आंशिक खोपड़ी की पहचान हो पायी। अधिकारी ने बताया कि पिछली गर्मियों में सूखे के दौरान पानी के घटने के साथ ही हड्डी ऊपर उठ गई। इसके बाद इसे नदी के किनारे बैठे दो लोगों ने देखा। रेनविल काउंटी शेरिफ स्कॉट हैबल ने कहा कि उनकी एजेंसी ने हड्डी को जब्त किया और इसे एक मेडिकल परीक्षक और फिर एफबीआई को सौंप दिया गया ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कांउटी से लापता शख्स का तो नहीं है।
जांच में पाया गया कि यह मानव युवक का था और सबसे आश्चर्यजनक कि यह लगभग 8,000 वर्ष यानी कि ईसा से 5500 से 6000 वर्ष पुराना था। यह सभी के लिए बेहद अचंभित करने वाला था कि वह हड्डी इतनी पुरानी थी। ऑगस्टाना विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट में दर्ज किया है कि आदमी ने मक्का और ज्वार सहित समुद्री आहार खाया था। उसकी खोपड़ी में एक ‘दोष’ था जो शायद उसकी मौत का कारण बना।
मिनेसोटा स्टेट यूनिवर्सिटी में नृपविज्ञान के प्रोफेसर कैथलीन ब्लू ने इससे इंकार किया और कहा कि खोपड़ी के किनारे पर लगा चोट का हिस्सा चिकना और गोल दिखाई देता है। यह दर्शाता है कि यह ठीक हो गया था और संभवतः उसकी मृत्यु का कारण नहीं था। ब्लू ने कहा कि यह खोपड़ी हजारों सालों से नदी में बहती रही होगी या वह पानी के स्रोत के समीप किसी जगह दफन होगा जो समय के साथ पानी में चला गया होगा।
बीते बुधवार को रेनविले काउंटी शेरिफ कार्यालय ने इस खोपड़ी की तस्वीरों को फेसबुक पर पोस्ट किया। इसमें एक सामाचार विज्ञप्ति भी शामिल थी। लेकिन इस तस्वीर को फौरन हटा लिया गया क्योंकि यह मूल अमेरिकी संस्कृति के लिए लिए बहुत आक्रामक था। चूंकि इस बात की संभावना है कि हड्डियां मूल अमेरिकी विरासत वाले किसी व्यक्ति की हों, ऐसे में मूल अमेरिकी लोगों की भावना आहत न हो इसलिए पोस्ट डिलीट कर दिया गया।
मिनेसोटा इंडियन अफेयर्स काउंसिल के सांस्कृतिक संसाधन विशेषज्ञ डायलन गोएत्श ने एक बयान में कहा कि न तो परिषद और न ही राज्य पुरातत्वविद् को राज्य के कानून द्वारा आवश्यक खोज के बारे में अवगत कराया गया था। गोएत्श ने कहा कि मिनेसोटा के आदिवासी समुदायों ने शेरिफ के फेसबुक पोस्ट को देखने के बाद ही खोज के बारे में जाना, जिसे उन्होंने “अस्वीकार्य और आक्रामक” कहा।