मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय और संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज में शिक्षक दिवस विभिन्न कार्यक्रमों के साथ समाज में शिक्षकों की भूमिका पर उपयोगी वक्तव्य दिए गए। जहां एक ओर शिक्षकों ने इस उन्मुक्त होकर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं वहीं अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीरता बरतने का संकल्प भी लिया।
संस्कृति विश्वविद्यालय के सभागार में विवि के चांसलर सचिन गुप्ता ने सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए उनके कर्तव्यों का बोध कराया साथ ही देश के भविष्य के निर्माण में उनकी भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक अच्छा शिक्षक ही विद्यार्थियों का सम्मान पाता है और विद्यार्थियों को उनका लक्ष्य हासिल करा पाता है। इस मौके पर स्कूल आफ फैशन डिजाइनिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका खत्री, असिस्टेंट प्रोफेसर अंजली, स्कूल आफ नर्सिंग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्रिष्ठी ने एकल नृत्य, स्कूल आफ इंजीनियरिंग की शिक्षका डा. रेनू, स्कूल आफ जूलोजी की डा. अमिता वर्मा ने अपने गीतों से अपनी अतिरिक्त प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं स्कूल आफ जूलोजी की डा. नीलम कुमारी, स्कूल आफ नर्सिंग की शिक्षका साक्षी, नर्सिंग स्कूल के प्राचार्य डा. केके पाराशर, स्कूल आफ एग्रीकल्चर के विभागाध्यक्ष डा. रामपाल ने अपनी कविताओं से लोगों को खूब गुदगुदाया। कैमिस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. गोपाल अरोरा ने अपने वक्तव्य में शिक्षकों के कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के दौरान विवि की विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, कुलपति डा. तन्मय गोस्वामी वा डीन एकेडमिक भी मौजूद रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन अनुजा गुप्ता ने किया।
उधर संस्कृति मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में ‘हमारे दैनिक जीवन में शिक्षक की भूमिका’ विषय को लेकर एक व्याख्यान माला आयोजित की गई। इसमें मुंबई के इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड रिलीजन के उपाध्यक्ष सीआर शेषाद्रि ने कहा कि शिक्षक ही मानव जीवन संवारता है। एक शिक्षक ही किसी मनुष्य के अंदर मौजूद अंतर्निहित शक्ति को उभार कर समाज में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए उसे तैयार करता है। अपने क्षेत्र के लिए विशेष योगदान करने वाले सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर, जाकिर हुसैन जैसे लोगों को सक्षम बनाने में शिक्षक ने ही अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संस्कृति मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के प्राचार्य प्रो. सुजित कुमार दलाई ने डा. सर्वपल्ली राधा कृष्णन के गुणों का स्मरण करते हुए सभी से उनके गुणों का अनुसरण करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ डा. विद्या के मंगलाचरण से हुआ। डा. लिया अब्राहम ने अतिथियों का परिचय कराया। आयुर्वेदीय क्रिया शरीर विभागाध्यक्ष डा. अखिन्ना शशिधरन ने कार्यक्रम का संचालन किया। संहिता व सिद्धांत विभाग के डा. शिवज्योति ने अभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।