- जीएलए पॉलीटेक्निक के शिक्षक के आइडिया इनावेटिव होम ऑटोमेशन का हुआ पेटेंट पब्लिश
मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पॉलीटेक्निक संस्थान के शिक्षक ने एक आधुनिक आइडिया सुझाया है। इस आइडिया के माध्यम से एक डिवाइस तैयार की जा रही है। इसके माध्यम से कोई भी दिव्यांग व्यक्ति अपने घर के विद्युत इक्यूपमेंट को बोलकर संचालित कर पायेगा। इस कार्य को मोबाइल के माध्यम से भी आसानी से किया जा सकता है। इसका पेटेंट पब्लिश हो चुका है। पॉलीटेक्निक संस्थान के शिक्षक हरीओम सिंह, अमन श्रीवास्तव और छात्र अतुल
कुमार सिंह ने डीन रिसोर्स जनरेशन एंड प्लानिंग प्रो. दिवाकर भारद्वाज और प्राचार्य डॉ. विकास कुमार शर्मा के दिशा निर्देषन में इनोवेटिव होम ऑटोमेशन सिस्टम फॉर हैंडीकैप्ड डिवाइस के एक आइडिया तैयार किया है। इस आइडिया को
प्रोटोटाइप के रूप में अंजाम देने के लिए प्रोग्रामिंग की जा चुकी है।
प्रोग्रामिंग के बाद अब डिवाइस को तैयार करने के लिए और उसे बेहतर तरीके से तकनीकी तौर पर आधुनिक बनाया जा रहा है। लेक्चरर हरिओम सिंह ने बताया कि डिवाइस के लिए आइडिया तो बहुत पहले ही आ गया था, जिसका पेटेंट भी पब्लिष हो चुका है, लेकिन मार्केट में उतारने और दिव्यांगों तक पहुंचाने के लिए डिवाइस को आधुनिक तरीके से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए जीएसएम मॉडल, टेम्परेचर सेंसर, इपीएस, वाइफाई मॉडल, मोबाइल से कनेक्ट हेतु इक्यूपमेंट आदि के माध्यम से डिवाइस तैयार होगी। प्रोग्रामिंग को पूर्ण किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि विषेश रूप से असक्षम लोग अन्य लोगों की तरह तकनीक का उपयोग करने में असमर्थ हैं, क्योंकि मोबाइल फोन जैसी तकनीकों का उपयोग हमारी उंगलियों से किया जाना चाहिए। एक व्यक्ति जिसने किसी कारण से अपना हाथ खो दिया है यानि वह दिव्यांग है और वह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी का
उपयोग करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में यह डिवाइस उन व्यक्तियों के लिए बहुत उपयोगी है। इनावेटिव होम ऑटोमेशन डिवाइस एक चिप के समान है, जो कि घ् ार के लाइट सिस्टम में फिट किया जायेगा और उनको मोबाइल एप, वाइॅस, क्लैपिंग 1⁄4ताली1⁄2 तथा सिम कार्ड के जरिए कंटंोल किया जा सकेगा। इस सिस्टम के जरिए दिव्यांग
व्यक्ति घर में प्रवेष करते ही अपने घर के इलेक्टिंक उपकरण पंखा, टीवी, एसी, फ्रिज आदि को संचालित कर सकते हैं।
संस्थान के शिक्षक और छात्र की उपलब्धि पर डीन रिसोर्स जनरेशन एंड प्लानिंग डॉ. दिवाकर भारद्वाज एवं प्राचार्य डॉ. विकास शर्मा ने कहा कि पॉलीटेक्निक में रिसर्च के लिए बेहतर लैब्स और आधुनिक मषीनें हैं। जिनके माध्यम से नित नए अनुसंधान हो रहे हैं। प्रोटोटाइपों को जन्म दिया जा रहा है। प्रोटोटाइप के पेटेंट ग्रांट हो रहे हैं। डीन रिसर्च प्रो. कमल षर्मा ने कहा कि षिक्षकों का यह रिसर्चदिव्यांगों को लिए सहूलियत भरा होगा।