Sunday, November 24, 2024
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रसखान समाधि स्थल पर आठ दिवसीय सांझी महोत्सव 18 से 25 सितंबर तक

  • जीएलए विश्वविद्यालय और ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा सांझी महोत्सव

मथुरा। ब्रज में विलुप्त होती जा रही सांझी कला के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु जीएलए विष्वविद्यालय, मथुरा और उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिशद ने बीड़ा उठाया है। इसके तहत भगवान श्रीकृश्ण के भक्त रसखान की समाधि पर 18 से 25 सितंबर तक 8 दिवसीय सांझी महोत्सव का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। रसखान समाधि पर आयोजित होने वाले आठ दिवसीय सांझी महोत्सव में सांझी कला के अलावा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इस आयोजन में राजकीय संग्रहालय मथुरा और ब्रज संस्कृति शोध संस्थान के सहयोग से विभिन्न प्रकार की जल सांझी, फूलों की सांझी, गोबर सांझी, केले के पत्तों की सांझी, कैनवास सांझी और रंगों की सांझी के अलावा सांझी सेमिनार और
सांझी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी।


सांझी कला के साथ-साथ श्रद्धालुओं के मन को मोहित करने और ब्रज की संस्कृति के बारे में अवगत कराने के लिए रसखान समाधि स्थल पर ही सायं 4 बजे से रात्रि 7 बजे तक भजन संध्या, सांझी समाज गायन, बनी-ठनी नाट्य रूपक, बेणी गूंथन रासलीला, लावनी लोकगीत, रसिया, ब्रज भाषा कवि सम्मेलन, लोक नृत्य और जिकड़ी भजन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुति के लिए जीएलए विष्वविद्यालय द्वारा बेहतर और समुचित व्यवस्थाएं की गईं हैं।


जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि भगवान श्रीकृश्ण से जुड़ी लीलाओं की यह सांझी कला के संरक्षण और संवर्धन हेतु विष्वविद्यालय और ब्रज तीर्थ विकास परिशद ने यह बीड़ा उठाया है। उन्होंने बताया कि स्मारक मित्र के तहत जब से जीएलए ने रसखान समाधि और ताज बीवी को गोद लिया है तब से अब तक काफी संरक्षण हुआ है। आने वाले श्रद्धालुओं के रसखान की लीलाओं के बारे में जानकारी देने हेतु एक मॉन्यूमेंट इंचार्ज की तैनाती की गई है।
उप्र. ब्रज तीर्थ विकास परिशद के डिप्टी सीईओ पंकज वर्मा ने बताया कि सांझी महोत्सव को भव्य रूप देने के लिए तैयारियां षुरू हो गई हैं। सांझी कलाकार और सहयोगीयों के साथ बैठक हो चुकी है। इसके अलावा सांस्कृति कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले कलाकारों ने कार्यक्रम को भव्यता और दिव्यता के साथ करने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि इस आठ दिवसीय महोत्सव में ब्रज के कलाकार ही प्रतिभाग करेंगे। सभी प्रतिभागियों को सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया जायेगा।


सांझी महोत्सव की विषेशता
श्राद्ध पक्ष में जब कोई उत्सव नहीं होते, तब ब्रज में सांझी उत्सव मनाया जाता है। शहरी इलाकों में रंग व फूल, जल की सांझी बनाई जाती है। ग्रामीण अंचलों में गोबर से सांझी बनाकर महोत्सव मनाया जाता है। ब्रज के मंदिरों, कुंज और आश्रमों में मिट्टी के ऊंचे अठपहलू धरातल पर रखकर छोटी-छोटी पोटलियों में सूखे रंग भर कर इस कला का चित्रण किया जाता है।

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