संस्कृति विवि का तीन दिवसीय राष्ट्रीय हुआ संपन्न
मथुरा। आत्मनिर्भर भारत और पं.दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद, विषय को लेकर संस्कृति विवि द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं से आत्मनिर्भर बनने का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपने आसपास के लोगों के उत्थान में भी सहयोग करें।
राज्यपाल आन्नदीबेन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद व अंत्योदय पर चर्चा करते हुए कहा कि जबतक देश में अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक प्रभावी योजनाओं का लाभ नहीं पहुंचेगा तबतक भारत वैश्विक पटल पर अपना स्थान नहीं बना सकेगा। हमारे भारतीय नवजवानों को नवाचार , सांइस एंड टेक्नोलॉजी से नित्य नये आत्मनिर्भरता के साथ उन्नत भारत के लिए आयाम तय करने होंगे। कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने विश्व को वैक्सीन सहित मेडिकल संसाधनों के उत्पादन व अन्य देशों को मदद पहुंचाकर यह बता दिया कि भारत एक आत्मनिर्भरता के साथ सामर्थ्यवान भी देश है। इस अवधि में भारत अनेक बिमारियों की वैक्सीन भी तैयार कर ली है । जबतक स्वस्थ भारत नहीं होगा तबतक साक्ष्य बार का सपना साकार नहीं हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय संस्कृति, सांस्कृतिक व सहकारिता के क्षेत्र में तकनीकी व मानव संसाधन के साथ तेजी से कार्य करें तभी भारत अपने परम वैभव को प्राप्त कर सकेगा। शोधात्मक तौर से एकात्म मानववाद वह अन्तोदय के प्रतिमान को तय करने के लिए प्रतिवर्ष नवाचार के साथ पाठ्यक्रम में बदलाव की आवश्यकता रहेगी। दीनदयाल धाम फराह स्थित बालिका विद्यालय में प्रदेश की राज्यपाल अनादिबेन पटेल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने आसपास रहने वाले लोगों के उत्थान में आगे आएं। उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें हाल करने में सहयोग करें रजनीश त्यागी ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के निष्कर्षों और शोधपत्रों का ब्योरा प्रस्तुत किया। इस मौके पर मंचासीन संस्कृति विवि के चांसलर डॉक्टर सचिन गुप्ता ने प्रदेश की राज्यपाल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। मंचासीन अतिथियों में कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी,इंडियन इकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अध्याप्रसाद पांडे, महोत्सव समिति के अध्यक्ष अशोक टेंटीवाल, कमल कौशिक, जन्मभूमि स्मारक समिति के उपाध्यक्ष डॉक्टर रोशनलाल मोजूद थे।
कांफ्रेंस के संयोजक डा रजनीश त्यागी ने कांफ्रेंस में सैकड़ों शोध पत्रों में से विशिष्ट शोध पत्रों की समीक्षा करते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संयोजन पंडित दीनदयाल उपाध्याय धाम के डा कमल कौशिक ने किया। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गये।