नई दिल्ली। जैसे-जैसे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की घडी नजदीक आ रही है वैसे ही पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर राजनीतिक गलियारो में संभावनाओं पर चचाएं जोर पकड़ती जा रही है। इन चर्चाओं के बीच ऐसे कई पार्टी के बड़े नेताअेां के नाम सामने आ रहे हैं जो कि अध्यक्ष पद के करीब देखे जा रहे हैं। लेकिन इन सभी नेताओं के पीछे अध्यक्ष पद पर आसीन न होने के पीछे क्या चर्चाएं हैं ये भी जान लीजिए।
अशोक गहलोत – कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पहला नाम पार्टी के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत सामने आ रहा है। लेकिन राजस्थान की घटना के बाद संभावना कम है। इसके पीछे कांग्रेस अध्यक्ष की नाराज़गी मुख्य वजह है।
मल्लिकार्जुन खडगे – वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं की फेहरिस्त में अध्यक्ष पद के लिए एक और नाम मल्लिकार्जुन खड़गे का चर्चाओं में आ रहा है। क्योंकि जब गांधी परिवार से बाहर के नेता को कांग्रेस की कमान सौंपने की बात हुई थी तो गहलोत और खड़गे के नाम ही थे। श्रीखडगे दक्षिण भारती से आते हैं। यह दलित नेता भी है, लेकिन उनका स्वास्थ्य रूकावट बन सकता है।
दिग्विजय सिंह- पुराने ख़लीफ़ा है, उनकी मज़बूती ही उनकी कमजोरी है, पुराने बयान उनकी छवि को नुक्सान पहुँचा सकते है।
मुकुल वासनिक – दलित नेता है, संगठन के जानकार है ळ-23 की पुरानी मोहर उनके लिए समस्या हो सकती है।
के सी वेणुगोपाल – दक्षिण भारत से आते है, संगठन महासचिव है,राहुल गांधी के नज़दीकी होना ही उनकी दावेदारी में रूकावट है।
कुमारी शैलजा- सोनिया गांधी की नज़दीकी है, शैलजा के बनने से हरियाणा की कांग्रेस की राजनीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
राजनीति संभावनाओं का खेल है, पहले कोशिश यह थी कि जो भी अध्यक्ष हो वह उत्तर भारत से हो। हिन्दी भाषी हो, इसलिए अशोक गहलोत सबसे मज़बूत दावेदार थे। अभी नए उम्मीदवार के लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा और देखना होगा कि इन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से ही कोई अध्यक्ष पद पर पहुंच पाता है कि फिर कोई नया चेहरा पार्टी की कमान संभालेगा।