Sunday, November 24, 2024
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रावण की भरी सभा में अंगद ने जमाया पैर, कोय होय तो योद्धा आओ, पैर उखाड़ दिखाओ

  • अंगद-रावण संवाद का मंचन देख मंत्रमुग्ध हुए दर्शक


कमल यदुवंशी
गोवर्धन।
राधाकुण्ड में आयोजित रामलीला मंचन में बीती रात अंगद-रावण संवाद का भावपूर्ण मंचन किया गया। जिसको देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए और खूब तालियां बटोरी। बीती रात रामलीला मंचन में रावण- अंगद संवाद, मेघनाथ और लक्ष्मण संवाद लक्ष्मण शक्ति आदि का मंचन किया गया। मंचन के दौरान कलाकार रावण खेलन गौड़ और अंगद शिवशंकर उपाध्याय भगवान राम के दूत बनकर अंगद रावण के दरबार पहुंचते हैं। वह प्रभु श्रीराम के शांति संदेश को रावण की भरी सभा में सुनाते हैं।

रावण अंगद के शांति प्रस्ताव को ठुकरा देता है, तब आक्रोशित अंगद ने जमीन पर अपना पैर जमाते हुए घोषणा कर दी कि यदि कोई उनका पैर जमीन से उखाड़ देगा तो रामदल अपनी पराजय स्वीकार कर वापस चला जाएगा। अंगद ललकारते हुए कहता है इस रावण की लंका में कोय होय तो योद्धा आओ और मेरा पैर उखाड़ दिखाओ, जिस पर रावण आक्रोशित होकर अपने योद्धाओं को अंगद का पैर उखाड़ने का आदेश देता है, रावण की सेना के बड़े-बड़े वीर भी अंगद का पैर नहीं हिला पाए। सभी पसीने से लथ-पथ हो गए और जमीन पर गिर पड़े, सभी योद्धा विफल हो जाते हैं।जिसके बाद रावण स्वयं अंगद का पैर उखाड़ने का प्रयास करने की घोषणा करता है। इस दौरान रावण खुद उठकर अंगद का पैर उखाड़ने को अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाए तो अंगद ने नसीहत देते हुए कहा प्रभु श्री रामजी के चरणों में ही गिरना है तो राम के चरणों में जाकर गिरो जो तुम्हें क्षमा कर देंगे और तेरा उद्धार हो जाएगा। जिसके बाद रावण गुस्से में आ जाता है और अंगद भरी सभा में युद्ध का ऐलान कर आते हैं।

इसके बाद प्रभु श्रीराम सेना लंका में चढ़ाई कर देती है। भयंकर युद्ध में रावण की सेना के कई योद्धा मारे जाते हैं। रावण अपने पुत्र मेघनाद को भेजता है । मेघनाद-लक्ष्मण पर शक्ति से प्रहार करता है और लक्ष्मण मूर्छित हो जाते है। पूरे पंडाल में सन्नाटा छा जाता है। हनुमान जी सुषेन वैद्य को लाते हैं जो संजीवनी लाने को कहते हैं। हनुमान संजीवनी लेने जाते हैं जिसे देख दर्शक प्रसन्नता से झूम उठते हैं संजीवनी से लक्ष्मण की मूर्छा खुलती है।

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