- राजीव इंटरनेशनल स्कूल में हुई आयुर्वेद का जीवन में महत्व विषय पर कार्यशाला
मथुरा। आधुनिक आरामदायक जीवनशैली के कारण लोगों में ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, अनिद्रा-तनाव व कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां हो रही हैं। हम रोजमर्रा के जीवन में आयुर्वेद को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। जीवन शैली में सुधार और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से ज्यादातर बीमारियों को दूर किया जा सकता है। उक्त जानकारी शनिवार को राजीव इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों को डॉ. अंकुर अग्रवाल ने दी।
आयुर्वेद का जीवन में महत्व विषय पर आयोजित कार्यशाला में डॉ. मानसी अग्रवाल ने कहा कि किसी भी रोग में बचाव ही श्रेष्ठ विकल्प है। इस समय डेंगू का प्रकोप है। डेंगू जैसी भयावह परेशानी से जूझ रहे मरीजों का यदि आयुर्वेद पद्धति से इलाज किया जाए तो प्लेटलेट्स गिरने जैसी गम्भीर हालत से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद रसायन शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं तथा जरावस्था को रोकते हैं।
कार्यशाला में आयुर्वेद की महत्ता बताने के साथ ही, बेहतर जीवन शैली तथा ऋतु अनुसार आहार-विहार के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। कार्यशाला में आहार, योग, हर्बल उपचार, मेडिटेशन से बेहतर जीवन शैली जीने का तरीका भी बताया गया। इतना ही नहीं कार्यशाला में आयुर्वेद द्वारा व्यक्ति के जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाने के तरीकों एवं स्वस्थ जीवन के लिए दिनचर्या में बदलाव करने की जरूरत पर भी बल दिया गया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल अपने संदेश में कहा कि प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद को रोगों के उपचार और स्वस्थ जीवन शैली व्यतीत करने का सर्वोत्तम तरीका माना जाता रहा है। आज की जीवनशैली में भी आयुर्वेद के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में लोगों का खानपान और जीवन शैली दोनों बदल गए हैं, यही वजह है कि लोग तरह-तरह की बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। आयुर्वेद के माध्यम से हम जीवन को सुखी, तनावमुक्त और रोगमुक्त बना सकते हैं।