- कम्प्यूटर साइंस के करेंट ट्रेण्ड का गहराई से करें अध्ययन
मथुरा। साइबर सुरक्षा कम्प्यूटर, नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनापेक्षित या अनधिकृत पहुंच, परिवर्तन या नुकसान से बचाने पर केन्द्रित है। साइबर हमलों के बढ़ते मामलों, जटिलता के साथ ही संवेदनशील व्यवसाय तथा व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी साइबर सिक्योरिटी बहुत जरूरी है। यह बातें मंगलवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में आयोजित साइबर सिक्योरिटी के विशेष सत्र में कीनोट स्पीकर आप्टम ग्लोबल सोल्यूशन कम्पनी के साइबर सिक्योरिटी कन्सलटेंट प्रशान्त पाठक ने बीसीए तृतीय तथा पंचम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री पाठक ने बीसीए के छात्र-छात्राओं को बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में स्वयं के डेटा को सुरक्षित रखा जाना बहुत जरूरी है। इस टेक्निकल सत्र में उन्होंने छात्र-छात्राओं को डेटा चोरी हो जाने की स्थिति में उसे पुनः वापस पाने की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आई.टी. के विद्यार्थियों को साइबर सिक्योरिटी की जानकारी होना बहुत जरूरी है अन्यथा कार्यक्षेत्र में वे स्वयं को पिछड़ा हुआ महसूस करेंगे। श्री पाठक ने कहा कि हमारे पास ऐसे टूल्स हैं जिनकी सहायता से हम डेटा हैकिंग को रोक सकते हैं।
श्री पाठक ने कहा कि आजकल लोगों ने डायरी बनाना छोड़ दिया है तथा अधिकांश लोग अपनी व्यक्तिगत और आफीसियल जानकारी इंटरनेट पर रखते हैं। यह ठीक नहीं है। समय के साथ चलना तो अच्छा है लेकिन हमें अपने डेटा को सुरक्षित रखने के प्रति फिक्रमंद होना भी जरूरी है क्योंकि यदि आपका महत्वपूर्ण डेटा कभी गलती से भी किसी के हाथ पड़ गया तो बहुत नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में हम कुछ प्रोटोकॉल या नियमानुसार दूसरा डेटा लेते हैं जिसे ऐथिकल हैकिंग कहा जाता है।
श्री पाठक ने छात्र-छात्राओं के साइबर सिक्योरिटी और ऐथिकल हैकिंग से जुड़े विविध प्रश्नों का भी समाधान किया। इस विशेष सत्र में विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी लगातार जुड़े रहे। अंत में उन्होंने कहा कि हमें कम्प्यूटर साइंस के करेंट ट्रेण्ड का गहराई से अध्ययन करते रहना चाहिए। ऐसा करने से आईटी के क्षेत्र मंह करिअर सुनिश्चित करने में काफी मदद मिलेगी। श्री पाठक ने विद्यार्थियों को ऐसे कई पोर्टल भी बताए जिन पर साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र की उपयोगी जानकारी उपलब्ध है। सत्र के समापन अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने कीनोट स्पीकर प्रशान्त पाठक आभार माना।