मथुरा। अपनी नई फिल्म ‘मारीच’ के प्रमोशन के लिए संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचे सिने कलाकार तुषार कपूर और सीरत कपूर हजारों विद्यार्थियों के बीच अपनी खुशी को काबू नहीं रख सके और युवा दिलों की मांग पर जमकर ठुमके। संस्कृति विवि के विद्यार्थियों से उन्होंने अपनी फिल्म देखने का वादा भी लिया।
पहले से निर्धारित समय के अनुसार ‘मारीच’ के मुख्य कलाकार तुषार कपूर और सीरत कपूर सुबह 11 बजे संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंच गए। विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान पर हजारों छात्र-छात्राएं अपने चहेते कलाकारों का इंतजार कर रहे थे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता से मुलाकात के बाद ये कलाकार सीधे संस्कृति विवि के मुख्य मैदान में स्थित मंच पर पहुंच गए। गोलमाल, शूटआउट जैसी फिल्मों से लोकप्रिय हुए तुषार कपूर को देखते ही छात्र-छात्राएं उत्साहित होकर सीटियां बजाने लगे। वहीं हिंदी फिल्मों में ‘मारीच’ फिल्म से एंट्री कर रहीं खूबसूरत अदाकारा सीरत कपूर स्टेज पर आते ही विद्यार्थियों के आकर्षण का केंद्र बन गईं। स्लीवलेस और खुले गले की हल्के रंगों वाली आकर्षक ड्रेस में सीरत कपूर की खूबसूरती का ऐसा जादू छाया कि छात्र-छात्राओं ने उनको अपने फोन पकड़ा दिए और सेल्फी खिंचवाई। विद्यार्थियों की जिद और चांसलर डा. सचिन गुप्ता के अनुरोध पर तुषार कपूर ने अपनी प्रसिद्ध फिल्म गोलमाल के कुछ डायलाग जो गूंगे बनकर बोले थे, पूरी अदाकारी के साथ प्रस्तुत किए।
इसी बीच साउंड सिस्टम पर ‘मारीच’ के गाने बज उठे और तुषार व सीरत गानों पर जैसे ही थिरके छात्र-छात्राओं में जोश आ गया। वे भी मैदान पर उनके साथ नाचने लगे और जोर-जोर से गाने लगे। बीच-बीच में तुषार युवा विद्यार्थियों को फिल्म देखने की अपील भी कर रहे थे। म्यूजिक शांत हुआ तो उन्होंने बताया कि ‘मारीच’ एक सस्पैंस मूवी जिसको मजेदार और रोमांचक दृश्यों से ऐसा बांधा गया है कि आप पूरी फिल्म खतम हो जाने तक सीट से चिपके रहेंगे। विद्यार्थियों को उन्होंने सीरत कपूर से भी परिचित कराया। सीरत ने बताया कि वे दिल्ली की हैं और यहां आकर उन्हें अपने घर जैसा ही महसूस हो रहा है। ब्रज की धरती पर आकर मन प्रसन्न हो गया। आप लोगों से मिलकर बहुत अच्छा लगा।
मंच पर संस्कृति विवि की ओर चांसलर डा. सचिन गुप्ता ने तुषार और सीरत को फिल्म के लिए शुभकामनाएं देते हुए गुलदस्ता भेंट किया। वहीं विशेष कार्याधिकारी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने भी दोनों को शुभकामनाएं दीं और गुलदस्ता भेंट किया।