नोएडा। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक बने 165 किलोमीटर लंबे और 100 मीटर चौड़े यमुना एक्सप्रेस वे पर कोहरे के दौरान दुर्घटना को रोकने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण लगातार कोशिश कर रहा है। भारी और हल्के वाहनों की गति कम की गई है। हसके बाद भी लोगों की हादसे में जान जा रही है। हादसा अधिकारियों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे को छह लेन से आठ लेन करने की तैयारी चल रही और इसकी डीपीआर बनाई जा रही है।
बता दें कि यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो पॉइंट पर मंगलवार को दुर्घटना हुई। जहां टमाटर लदा एक केंटर फ्लाईओवर से नीचे गिर गया। इसमें ड्राइवर दानिश और रिहान गंभीर रूप से घायल हो गए। इसका संज्ञान लेते हुए यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण के सीईओ अरूण वीर सिंह ने यमुना एक्सप्रेस वे के मैंटेंनेंस, रिपेयर और ऑपरेशन के लिए उत्तरादाई संस्था जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड से रिपोर्ट मांगी थी। इस संबंध में जेपी इंफ्रोटेक लिमिटेड ने अपनी रिपोर्ट में एक्सप्रेस वे के साइट पर सुरक्षा के लिए जो बीम लगाई गई है उसे एक बड़ा कारण बताया है।
सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर एक दिन में लगभग 32 हजार वाहन गुजरते है। आगे भी वाहनों की संख्या और अधिक बढने की संभावना है। त्यौहार या वीकेंड पर अक्सर टोल प्लाजा पर जाम लग जाता है। अब जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने के बाद इस पूरे एरिया में आबादी बढेगी, इस पूरे इमालके में नोएडा एयरपोर्ट, नोएडा, फिल्म सिटी,टॉय सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे बडे प्रोजेक्ट भी लॉच हो रहे हैं। इसका भी असर यमुना एक्सप्रेस वे पर पड़ेगा।