Sunday, November 24, 2024
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भारत सबसे बड़ी युवा शक्ती, विश्व का सिरमौर बनेगा

  • संस्कृति विवि में जोश और उल्लास के साथ मनाया 74वां गणतंत्र दिवस


मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय में देश का 74वां गणतंत्र दिवस बड़े जोश और उल्लास के साथ मनाया गया। विवि के मुख्य मैदान में झंडारोहण करते हुए कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा शक्ति है, दुनिया का सिरमौर बनेगा। देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में है और हमारा देश तेजी से तरक्की करते हुए दुनिया की बड़ी ताकतों में शामिल हो रहा है।

डा. गुप्ता ने कहा कि हम विश्वविद्यालय को इतना साधन संपन्न बना देना चाहते हैं ताकि हमारे विद्यार्थी दुनिया में देश का परचम फहरा सकें। मात्र छह साल में विवि ने शिक्षकों और कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के दम पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वह वह स्थान हासिल किया है कि जिसको हासिल करने में किसी शिक्षण संस्था को वर्षों लग सकते थे। आज हमारे यहां कई स्टार्टअप चल रहे हैं, जिनकी आर्थिक मदद सरकार कर रही है। इन्कयूबेशन सेंटर से विद्यार्थी तरक्की के मार्ग तय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। आपको मौका मिल रहा है देश को आगे ले जाने का। हमारा फोकस है कि लोगों का स्वास्थ्य अच्छा हो, कृषि के क्षेत्र में ऐसे अनुसंधान हों जो भारत की कृषि को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिला सकें। इस मौके पर कुलाधिपति डा. सचिन गुप्ता, कुलपति प्रोफेसर एनबी चेट्टी, ओसडी श्रीमती मीनाक्षी शर्मा ने संस्कृति विवि के अनूठे और भारतीय प्राचीन ऋषियों की उपलब्धियों पर आधारित सुंदर कलेंडर जारी किया।

गणतंत्र दिवस समारोह का शुभारंभ राष्ट्रगान से हुआ। इस मौके पर देशभक्ति से सराबोर रंगारंग कार्यक्रम विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत कर सर्द माहौल में गर्मी ला दी। इन कार्यक्रमों में छात्रा हरिप्रिया उनके साथियों ने गीत, दीक्षा और उनके साथियों ने इक्रेडेबिल इंडिया की थीम पर आधारित नृत्य नाटिका, च्येष्ठा एवं उनके साथियों ने मिश्रित गीत, निरल उनके साथियों ने देश मेरा गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर देशभक्ती से वातावरण ओतप्रोत कर दिया। इसके साथ ही डाली एवं उनके साथियों, उपासना एवं साथी, मुस्कान, खुशी, निमिशा, संतोष ने अपनी प्रस्तुतियों पर सबको ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। छात्र साजिद, जुनैद और मनीष की कविताओं ने लोगों में जोश का संचार किया तो फैकल्टी प्रद्युम्न द्वारा गाए गीत ने सबको भावुक कर दिया। कार्यक्रम का संचालन और व्यवस्था में सुश्री अनुजा गुप्ता, डा. दुर्गेश वाधवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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