- नैक से सर्वोच्च 3.46 स्कोर के साथ ‘ए प्लस‘ ग्रेडिंग पाकर जीएलए बना भारत का नंबर वन प्राइवेट विश्विवद्यालय
मथुरा। परिवर्तन संसार का नियम है, लेकिन इस नियम में अपने आपको किस प्रकार और कैसे परिवर्तित करना है, यह स्वयं पर निर्भर करता है। ठीक ऐसे ही जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने पिछले पांच वर्षों में अपने बुनियादी ढांचे और शिक्षण अधिगम प्रक्रिया सहित कई पहलुओं को और मजबूत किया है। विश्वविद्यालय ने बेहतर बुनियाद के चलते 3.46 स्कोर के साथ नैक से ‘ए प्लस‘ ग्रेड हासिल किया है। इससे पूर्व जीएलए को ‘ए‘ ग्रेड श्रेणी प्राप्त थी।
विदित रहे कि जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा को पांच वर्ष पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) ने पांच वर्ष की अवधि के लिए 3.02 स्कोर के साथ ‘ए‘ ग्रेड से नवाजा था। जिसकी अवधि पूर्ण होने बाद दूसरी बार मूल्यांकन के लिए जीएलए ने माह जून 2022 में आवेदन किया। नैक द्वारा आवेदन स्वीकार के बाद 17 से 19 जनवरी को शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की एक टीम ने विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम के पहलु, शिक्षण अधिगम एवं मूल्यांकन प्रक्रिया, अनुसंधान परामर्श और प्रसार, बुनियादी ढांचे और सीखने के संसाधन, छात्र सहयोग और प्रगति, प्रशासनिक नेतृत्व और प्रबंधन, नवाचार और सर्वोत्तम शिक्षा प्रणाली सहित सात पहलुओं पर निरीक्षण किया गया। साथ ही टीम ने विश्वविद्यालय में अध्ययनरत् विद्यार्थियों से विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षा और प्लेसमेंट के बारे में गहनता से पूछताछ की। सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस‘ श्रेणी के साथ श्रेष्ठ स्कोर 3.46 प्रदान किया, जो कि देश के 430 निजी विश्वविद्यालय में से ए प्लस प्राप्त निजी विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कहा कि जीएलए विश्वविद्यालय के लिए ये गर्व की बात है कि विश्वविद्यालय को नैक के मूल्यांकन में सबसे अधिक अंक मिले हैं। इस रैंक के साथ सर्वोच्च अंक पाने के बाद जीएलए ने भारत में ए प्लस निजी विश्वविद्यालयों की श्रेणी में पहले स्थान पर जगह बनाई है।
उन्होंने कहा कि इस ग्रेड और सर्वश्रेष्ठ अंक के मिलने से विद्यार्थियों को नामी कंपनियों में और बेहतर प्लेसमेंट की संभावनाएं बढ़ेंगी, क्योंकि कई कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट कार्यक्रम के दौरान बेहतर ग्रेड प्राप्त शिक्षण संस्थान को प्राथमिकता देती हैं। इसके अलावा छात्रों को यदि विदेशों में आगे की पढ़ाई के लिए आवेदन करना हो तो विदेशों में स्थित संस्थाएं सबसे पहले जिस संस्थान से विद्यार्थी ने प्रवेश के लिए आवेदन किया है, उक्त संस्थान के ग्रेड का आकलन करती हैं। इसके अलावा शैक्षणिक विनिमय कार्यक्रमों आदि को भी बढ़ावा मिलेगा।
कुलाधिपति ने दी शुभकामनायें
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के कुलाधिपति नारायण दास अग्रवाल ने विश्वविद्यालय को ‘ए प्लस‘ ग्रेड मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए प्रतिकुलाधिपति प्रो. दुर्ग सिंह चैहान, कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता, समकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता, आईक्यूएसी निदेशक प्रो. विशाल गोयल एवं समस्त विभागाध्यक्षों व शिक्षकों सहित समस्त जीएलए परिवार को धन्यवाद ज्ञापित किया और भविष्य में श्रेष्ठतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित किया।
क्या है राष्ट्रीय मूल्याकंन एव प्रत्यायन परिषद्
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की शाखा है, जो देश के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता का विभिन्न आधारों पर मूल्यांकन करता है। नैक ग्रेडिंग के लिए वे विश्विविद्यालय या उच्च शिक्षण संस्थान पात्र होते हैं, जहां से कम से कम दो बैच ग्रेजुएट हो चुके हों या संस्थान को स्थापित हुए 6 साल बीत चुके हों। इसके अलावा सेंट्रल, स्टेट, प्राइवेट या डीम्ड यूनिवर्सिटी को शिक्षा मंत्रालय या यूजीसी ने अप्रूव किया हो और वहां स्टूडेंट्स का रेगुलर बैच चलता हो। पाठ्यक्रम विकास, शिक्षण अधिगम एवं मूल्यांकन प्रक्रिया, शोध नवाचारण एवं प्रसार, आधारभूत संरचना, सीखने के संसाधन, विद्यार्थी सहयोग एवं प्रगति, प्रशासनिक नेतृत्व एवं प्रबंधन, संस्थानिक मूल्य एवं श्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली जैसे सात महत्वपूर्ण मानदण्डों के आधार पर नैक की ग्रेडिंग होती है।