Monday, November 25, 2024
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के.डी. हॉस्पिटल में आहार नली के कैंसर गांठ की दुर्लभ सर्जरी

  • गेस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने बचाई दर्शन देवी की जिन्दगी


मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के विशेषज्ञ गेस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम ने बिना चीर-फाड़ दूरबीन विधि से कोसीकलां निवासी दर्शन देवी (38) की आहार नली के कैंसर का ऑपरेशन करने में सफलता हासिल की है। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि इस तकनीक से ब्रज मण्डल के किसी भी अस्पताल में आज तक ऐसा ऑपरेशन नहीं हुआ है।

ज्ञातव्य है कि कोसीकलां निवासी दर्शन देवी को लगभग चार माह से ठोस आहार लेने में दिक्कत हो रही थी, धीरे-धीरे यह परेशानी बढ़ने लगी। पिछले दो महीने से उसे तरल आहार लेने में भी कठिनाई होने लगी थी। परेशानी बढ़ती देख परिजन उसे के.डी. हॉस्पिटल लाए। गेस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने उसकी एण्डोस्कोपी कराई जिससे पता चला कि मरीज की आहार नली के बीचोबीच गांठ है। गांठ की जांच से पता चला कि उसे कैंसर है। आखिरकार डॉ. मूंदड़ा ने परिजनों को मरीज की यथास्थिति से अवगत कराया और ऑपरेशन की सलाह दी।


परिजनों की सहमति के बाद डॉ. मुकुंद मूंदड़ा द्वारा एक फरवरी को दूरबीन विधि से ऑपरेशन करने से पहले मरीज का सीटी स्कैन कराया गया ताकि पता चल सके कि कैंसर का फैलाव अधिक तो नहीं है। आखिरकार डॉ. मूंदड़ा द्वारा डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. विनायका श्रीवास्तव, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. मंजू सक्सेना, डॉ. नवीन कुमार सिंह तथा टेक्नीशयन शिवम व योगेश के सहयोग से दूरबीन विधि से मय कैंसर गांठ के न केवल आहार नली निकाली गई बल्कि नई आहार नली भी बनाई गई। अब दर्शन देवी न केवल स्वस्थ है बल्कि उसे आहार लेने में भी कोई परेशानी नहीं हो रही है।


इस ऑपरेशन पर डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि आहार नली के बीचोबीच कैंसर की गांठ होने से ही मरीज को खाने-पीने में दिक्कत हो रही थी। मरीज का इलाज दूरबीन विधि से होना सम्भव था इसी के मद्देनजर उसके ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि सामान्यत: इस ऑपरेशन में छाती को 15 से 20 सेंटीमीटर के चीरे से खोला जाता है या फिर दूरबीन से छाती में 4-5 छेद किए जाते हैं और आहार नली को निकालने के लिए किसी एक छेद को लगभग 5 सेंटीमीटर बड़ा किया जाता है फिर उसे ऑपरेट किया जाता है, लेकिन के.डी. हॉस्पिटल में चूंकि सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है लिहाजा केवल 4 सेंटीमीटर के एक ही छेद से दूरबीन द्वारा इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया।


डॉ. मूंदड़ा ने बताया कि उनके द्वारा पित्ताशय, मलाशय, अग्नाशय आदि में होने वाले कैंसर, पेट में अल्सर एवं कैंसर, अग्नाशय में होने वाली सूजन, लीवर की सड़न, बवासीर आदि की सर्जरी भी दूरबीन और चीरा विधि से की जाती है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका तथा उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने मरीज की सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है।

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