राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में फार्माकोविजिलेंस एवं ड्रग रेगुलेटरी अफेयर पर हुई कार्यशाला
मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी में फार्माकोविजिलेंस एवं ड्रग रेगुलेटरी अफेयर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें फार्मा रेगुलेटरी इंस्टीट्यूट के समन्वयक प्रदीप वत्स एवं पीआरआई के इंस्टीट्यूशन प्रबंधक कुंवर श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को दवाओं के लाभ और उनसे होने वाले दुष्परिणामों की विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला का शुभारम्भ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यशाला में प्रदीप वत्स ने बताया कि बहुत से मरीज दवाओं के रिएक्शन होने के बावजूद भी शिकायत नहीं करते जिसका प्रभाव दूसरे मरीजों पर भी पड़ सकता है। इसलिए जब भी किसी मरीज को इस तरह का रिएक्शन हो या दवाई का दुष्प्रभाव दिखे तो उसे तत्काल फार्माकोविजिलेंस आफीसर को उसके विषय में अवगत कराना चाहिए। यह प्रत्येक नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। इससे बहुत से लोगों को परेशानी से बचाया जा सकता है। कुंवर श्रीवास्तव ने छात्र-छात्राओं को बताया कि भारत सरकार द्वारा फार्माकोविजिलेंस आफीसर की बहुत सी नियुक्तियां होने वाली हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के मानसिक एवं शैक्षिक विकास को परखने के लिए एक बौद्धिक टेस्ट लिया और सर्वश्रेष्ठ पांच छात्रों का चयन किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हर मनुष्य को अपने जीवन में नैतिकता का निर्वहन करना चाहिए। बच्चे कार्यशालाओं में विशेषज्ञों से जो ज्ञानार्जन करते हैं उसका रिवीजन जरूर करें। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि राजीव एकेडमी में छात्र-छात्राओं को सही राह दिखाने एवं करिअर के अवसर चुनने हेतु ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राजीव एकेडमी फॉर फार्मेसी के निदेशक प्रो. (डॉ.) देवेन्द्र पाठक ने अतिथियों को स्मृति चिह्न एवं बुकें भेंटकर उनका स्वागत किया।
कार्यशाला में छात्र-छात्राओं के साथ ही संस्थान के प्राध्यापक हिमांशु चोपड़ा, तलेवर सिंह, डॉ. मयंक कुलश्रेष्ठ, आर.के. चौधरी, सुनम शाह, विभा, आकाश गर्ग, शिवेन्द्र कुमार, पवन पांडेय, वर्षा स्नेही, रितिक वर्मा, सोम्यदीप, बृजेश, अविनाश मिश्रा, बृजनंदन दुबे, रुचि अग्रवाल, कुलदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।