Sunday, November 24, 2024
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राज्यपाल के करकमलों से सम्मानित हुई के.डी. मेडिकल कॉलेज की छात्रा पूर्वा

फिजियोलॉजी में किया डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में टॉप

मथुरा। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 88वें दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति एवं महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल एवं कुलपति प्रो. आशुरानी के करकमलों से के.डी. मेडिकल कॉलेज मथुरा की सत्र 2020 की छात्रा पूर्वा जैन को फिजियोलॉजी में सर्वोच्च अंक लाने पर गोल्ड मेडल और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। एमबीबीएस की छात्रा पूर्वा ने अन्य विषयों में भी बहुत अच्छे अंक हासिल किए हैं।
मेधावी पूर्वा जैन की इस उपलब्धि पर आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका, उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, जनरल मैनेजर अरुण अग्रवाल, विभागाध्यक्ष फिजियोलॉजी डॉ. शालिनी गांधी तथा डॉ. दुष्यंत कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि हम युवा पीढ़ी को सिर्फ एमबीबीएस की डिग्री हासिल करते नहीं देखना चाहते। मैं चाहता हूं कि यहां से जो बच्चा पढ़-लिखकर जाए वह अपने सेवाभाव से समाज में एक नजीर स्थापित करे।


आगरा में हुए गरिमामय समारोह में सम्मानित होने के बाद के.डी. मेडिकल कॉलेज लौटी पूर्वा जैन ने कहा कि मेरी इस सफलता का सारा श्रेय कॉलेज के अनुशासन और यहां की उच्चस्तरीय शैक्षिक व्यवस्थाओं को जाता है। पूर्वा ने विभागाध्यक्ष डॉ. शालिनी गांधी व डॉ. दुष्यंत कुमार की विशेष रूप से प्रशंसा की और कहा कि इन लोगों ने मुझे हमेशा मोटीवेट किया। पूर्वा का कहना है कि वह सिर्फ चिकित्सक की डिग्री हासिल करने नहीं आईं बल्कि वह एक अच्छे चिकित्सक के रूप में समाज की सेवा कर अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा करना चाहती हैं।
इस अवसर पर छात्रा पूर्वा के पिता मोहित जैन ने कहा कि जब उनकी बेटी ने एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए के.डी. मेडिकल कॉलेज मथुरा को प्राथमिकता दी तो उस समय बेटी से दूर होने का दुख था लेकिन आज मैं बेटी के निर्णय से बेहद खुश हूं। श्री जैन ने कहा कि उनकी पूर्वा से प्रतिदिन बात होती है और वह हमेशा कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था तथा अनुशासन की तारीफ ही करती है।
पूर्वा की मां मोनिका जैन बेटी के फिजियोलॉजी में गोल्ड मेडल जीतने से बहुत प्रसन्न हैं। वह कहती हैं कि पूर्वा का बचपन से ही एक कुशल चिकित्सक बनने का लक्ष्य रहा है। वह बचपन में जब खेल-खिलौनों से खेलती थी तब भी वह चिकित्सकों की ही नकल करती थी। यहां तक कि वह अपने नाना से कहती कि मैं आपका आपरेशन करूंगी।

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