Monday, December 23, 2024
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जीएलए और माल्टा विश्वविद्यालय के मध्य एमओयू साइन

मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने व शैक्षिक अवसरों की खोज में नियमित रूप से जुटा हुआ है। ऐसे अवसरों की खोज करने और अत्याधुनिक वैश्विक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हाल ही में जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा ने विश्वविद्यालय ऑफ माल्टा, एमएसीडा माल्टा के साथ एमओयू साइन किया है। विश्वविद्यालय ऑफ माल्टा, एमएसीडा माल्टा के साथ हुए एमओयू का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान, प्रकाशन और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाना है। इसके माध्यम से दोनो देशों के विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शोधार्थियों को एक दूसरे के शैक्षिक व शोध कार्यों को जानने व उनमें सहयोग करने के अवसर प्राप्त होंगे। छात्र व शोधार्थी इसी आपसी सहयोग के माध्यम से शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन व आपसी सहयोग से तकनीकों की जानकारी भी जुटायेंगे।
अंतर्राष्टींय संबंध और शैक्षणिक सहयोग विभाग के डीन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने बताया कि विशेश आमंत्रण पर पहुंचे यूनिवर्सिटी ऑफ माल्टा, एमएसीडा माल्टा के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ललित गर्ग का स्वागत अंतर्राष्टींय संबंध और शैक्षणिक सहयोग कार्यालय द्वारा भव्य तरीके से किया गया। इसके बाद उन्होंने जीएलए का इंफ्रास्टंक्चर, आधुनिक लैब्स, रिसर्च लैब्स, विभिन्न एकेडमिक संस्थान का भ्रमण किया। विद्यार्थियों से रूबरू होने के बाद डॉ. गर्ग ने जीएलए विश्वविद्यालय के साथ अनुसंधान, संयुक्त प्रकाशन, अंतर्राष्टींय वित्त पोषण वाली परियोजनाओं, छात्र विनिमय के अवसर, लघु पाठ्यक्रम, संकाय विनिमय और संयुक्त डिग्री कार्यक्रमों में सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
प्रो. शर्मा ने बताया कि माल्टा उत्तरी अफ्रीकी तट के बीच मध्य भूमध्य सागर में एक द्वीपसमूह है। यह विश्वविद्यालय विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इस संबंध में जीएलए विश्वविद्यालय ने डॉ. ललित गर्ग को उनकी शिक्षा प्रणाली को समझने के लिए आमंत्रित किया गया, ताकि दोनों विश्वविद्यालय एक दूसरे की विशेषज्ञता से लाभान्वित हो सकें।
विशेश आमंत्रण पर पहुंचे एमओयू साइन होने के बाद कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों पर हुए एमओयू साइन से छात्रों को विश्व स्तरीय एक्सपोजर देने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने इस तकनीकी दौर में बदलते परिवेश के साथ अपने कदमों को बढ़ाते हुए विश्वस्तरीय शिक्षा के लिए राश्टींय और अन्तर्राश्टींय संस्थानों के साथ हाथ मिलाना शुरू किया है।
कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों सहित डॉ. गर्ग को स्मृति चिन्ह भेंट किया। कंप्यूटर इंजीनियरिंग और एप्लीकेशन विभाग के डीन प्रो. अशोक भंसाली एवं एसोसिएट हेड प्रो. रोहित अग्रवाल ने अपने विभाग में चल रहे विभिन्न प्रोजेक्ट्स और कोर्स के बारे में चर्चा की, ताकि उन्हें विश्वविद्यालय की शैक्षिक और अनुसंधान सुविधाओं से परिचित कराया जा सके। डॉ. राहुल प्रधान ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया। जीएलए पॉलीटेक्निक में हुई बिल्डिंग मैन्यूफैक्चिरिंग पर कार्यशाला मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पॉलीटेक्निक संस्थान में वेल्यू इंजीनियरिंग एंड बिल्डिंग मैन्यूफेक्चिरिंग कम्पटेटिवनैस विशय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। कार्यशाला में आइयूआरआइएसडी के प्रेसीडेंट प्रो. सुरेन्द्र कुमार और मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, जयपुर के मैकेनिकल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव अग्रवाल ने वेल्यू इंजीनियरिंग के अन्तर्गत आने वाले महत्वपूर्ण उत्पादां पर चर्चा की। छात्रों ने बड़ी उत्सुकता से कार्यशाला में भाग लिया। प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि वेल्यू इंजीनियरिंग न्यूनतम लागत पर आवश्यक उत्पाद प्रदान करने के लिए व्यवस्थित, संगठित दृश्टिकोण है। इसके अन्तर्गत कार्य क्षमता को कम किये बिना न्यूनतम मूल्यों पर उत्पादों का निर्माण शामिल है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजीव अग्रवाल ने छात्रों को वेल्यू इंजीनियरिंग के महत्व को समझाते हुए कहा कि वेल्यू इंजीनियरिंग ग्राहक की संतुश्टि सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि किसी उत्पाद के उपयोग, लागत या कार्यक्षमता पर विचार के अभाव में वह उत्पाद बाजार में अपना स्थान खो सकता है। इसलिए ग्राहक की आवश्यकतानुसार उत्पाद की गुणवत्ता व कार्यप्रणाली में सतत सुधार वेल्यू इंजीनियरिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। पॉलीटेक्निक के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार शर्मा ने कहा कि किसी भी उत्पाद के निर्माण को यदि बारीकी से देखा जाये तो प्रोडक्शन डेवलपमेंट स्टेंटेजीस का विशेश योगदान रहता है। इसके अन्तर्गत टेक्निकल बाउंडींज, बिजनेस बाउंडींज व मार्केट बाउंडींज को दृश्टिगत रखकर महत्वपूर्ण सुधार लागू किये जाते हैं। अंत में प्राचार्य डॉ. विकास शर्मा ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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