हर्षोल्लास से मना के.डी. हॉस्पिटल में अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस
मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के सभागार में आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार, जनरल मैनेजर अरुण अग्रवाल, नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट शीला एलेक्स आदि ने केक काटकर अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस मनाया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में नर्सेज तथा कांती देवी नर्सिंग कॉलेज एण्ड पैरामेडिकल साइंस के प्राध्यापक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
इस अवसर पर चेयरमैन डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि सेवा का नाम ही नर्स है। नर्सेज के काम और सेवाभाव को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। पेशेवर डॉक्टर जब दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते हैं, तब रोगियों की चौबीस घण्टे देखभाल करने की जिम्मेदारी नर्स की ही होती है। नर्सेज न केवल रोगियों के मनोबल को बढ़ाती हैं बल्कि रोगी को बीमारी से लड़ने तथा स्वस्थ होने के लिए भी प्रेरित करती हैं। एक नर्स अपनी परेशानी को नजरअंदाज करते हुए मानसिक और भावनात्मक दृष्टि से हमेशा रोगी की देखभाल करती है। एक नर्स ही होती है जो अपने जान की परवाह किए बिना दूसरों का जीवन बचाती है। अंत में डॉ. अग्रवाल ने सभी नर्सेज को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस की बधाई देते हुए फ्लोरेंस नाइटिंगल के पदचिह्नों पर चलने का आह्वान किया।
अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस कार्यक्रम के शुभारम्भ से पूर्व फ्लोरेंस नाइटिंगल की यादों को जीवंत रखने के लिए हर्षोल्लास के बीच केक काटा गया और सभी नर्सेज ने सेवाभाव का संकल्प लिया। प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका ने अपने उद्बोधन में बताया कि सन् 1974 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी। फ्लोरेंस नाइटिंगल ने आधुनिक नर्सिंग की स्थापना की थी, इसीलिए उनकी जयंती के रूप में अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है। हर साल इंटरनेशनल नर्सेज डे पर थीम डिसाइड की जाती है। इस साल की थीम हमारी नर्सेज, हमारा भविष्य है।
उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉक्टर्स और नर्सेज एक गाड़ी के दो पहिए के समान होते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में दोनों के योगदान को कम नहीं माना जा सकता। स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत नर्सों को समाज में उनके परिश्रम और सेवा के लिए सम्मानित नजरिए से देखा जाता है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस हमें उन नर्सों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जो अपनी परेशानियों के बावजूद मरीज की सेवा को अपना कर्तव्य मानती हैं। इस अवसर पर नर्सेज सुपरिंटेंडेंट शीला एलेक्स, स्नेहा पाराशर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अंतरराष्ट्रीय नर्सेज दिवस पर समीर गौतम, अमित गोस्वामी, थनकम्मा वर्गीस, शीला थॉमस, निर्मला रुथ सहित बड़ी संख्या में नर्सेज तथा अन्य चिकित्सा कर्मचारी उपस्थित रहे।