Monday, December 23, 2024
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वाद-विवाद प्रतियोगिता में काव्या विजेता, सूरज रहे उप विजेता

जी.एल. बजाज में महिला-पुरुष के समान अधिकारों पर हुए विविध कार्यक्रम

मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के महिला प्रकोष्ठ द्वारा महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकारों पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं द्वारा परस्पर संवाद के जरिए इस विषय पर समाधान निकालने की कोशिश की गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ. शिखा गोविल तथा डॉ. उदयवीर सिंह द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलित कर किया गया।
डॉ. शिखा गोविल ने कहा कि समय बदल रहा है। सरकार व समाज की तरफ से नारी सशक्तीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन यदि महिला और पुरुष की समानता में जरा भी विभेद रहा तो ऐसे प्रयासों के कोई मायने नहीं रह जाते। डॉ. गोविल ने कहा कि असल जीवन में यदि हम अपने देश, समाज और परिवार का उत्थान चाहते हैं तो महिला समाज का उत्थान, महिलाओं और पुरुषों के अधिकारों में समानता पर ही सम्भव हो सकता है।


कार्यक्रम की समन्वयक ऋचा मिश्रा ने कहा कि इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य महिला-पुरुष की समानता पर जोर देना और महिलाओं के प्रति मिथक धारणाओं को छोड़ नारी को भी समाज और राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ना है। कार्यक्रम की शुरुआत महिला प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित पिछले कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ हुई। उसके बाद छात्रों ने महिलाओं के लिए शिक्षा और करियर के अवसरों पर एक स्क्रिप्ट का प्रदर्शन करते हुए समान अवसरों के महत्व और इसे प्राप्त करने में शिक्षा की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस स्क्रिप्ट को उपस्थित प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं द्वारा खूब सराहा गया।
स्क्रिप्ट के बाद वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें प्रतिभागियों ने महिला-पुरुष की बराबरी के महत्व पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए। बहस जीवंत और काफी ज्ञानवर्धक रही। बीटेक प्रथम वर्ष की छात्रा काव्या ने महिलाओं का पक्ष रखते हुए कहा कि आज विकास और विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता। आज शिक्षा के क्षेत्र में तो लड़कों से अच्छा औसत लड़कियों का होता है। यदि हम लड़कियों को मौका दें तो वे बहुत आगे जा सकती हैं लेकिन वहां पुरुषों के अहम को ठेस पहुंचती है तथा समानता की भावना दब जाती है। काव्या ने कहा कि आज महिलाओं के प्रति संकीर्ण भावना को त्यागना बहुत जरूरी है।

महिलाओं और पुरुषों के समान अधिकारों पर कार्यक्रम पेश करते छात्र-छात्राएं तथा उपस्थित प्राध्यापक


कार्यक्रम के अंत में निर्णायकों ने विजेता और उप-विजेता छात्र-छात्राओं की घोषणा की। वाद-विवाद प्रतियोगिता में बीटेक प्रथम वर्ष की काव्या विजेता रहीं तथा सूरज सिंह चौहान बी.टेक द्वितीय वर्ष (सीएसई-एआईएमएल) उप-विजेता रहे। बीटेक प्रथम वर्ष की प्राची वशिष्ठ, साक्षी माहौर, खुशबू चौधरी, आयुष शर्मा तथा योगेश ने अपनी लघु नाटिका के माध्यम से महिला और पुरुषों के अधिकारों का बेहतरीन मंचन किया। कार्यक्रम का संचालन ऋचा मिश्रा ने किया। आयोजन को सफल बनाने में सह संयोजक स्तुति गौतम तथा छात्र समन्वयक इशिता अग्रवाल और तनीषा की भूमिका सराहनीय रही।

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