Saturday, December 21, 2024
Homeशिक्षा जगतके.डी. हॉस्पिटल में विप्पल सर्जरी से बची कैंसर पीड़ित की जान

के.डी. हॉस्पिटल में विप्पल सर्जरी से बची कैंसर पीड़ित की जान

गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम की बड़ी सफलता

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा और उनकी टीम ने विप्पल सर्जरी कर छाता निवासी कैंसर पीड़ित दौलतराम (35) को नई जिन्दगी दी है। खाना-पीना छोड़ चुके दौलतराम के चेहरे पर लौटी मुस्कान से अब उसके परिजन भी खुश हैं।
जानकारी के अनुसार छाता, जिला मथुरा निवासी दौलतराम कई महीनों से शारीरिक रूप से परेशान चल रहा था। उसे उपचार को दिल्ली भी ले जाया गया लेकिन उसकी जांच रिपोर्ट्स और स्थिति को देखने के बाद वहां के चिकित्सकों ने परिजनों को जो कुछ बताया उसे सुनकर वे वापस लौट आए। एक दिन स्थिति काफी बिगड़ने के बाद उसे के.डी. हॉस्पिटल लाया गया। गैस्ट्रो सर्जन डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने मरीज तथा उसकी जांच रिपोर्ट्स को देखने के बाद परिजनों को आपरेशन की सलाह दी।
परिजनों की स्वीकृति के बाद डॉ. मुकुंद मंदड़ा के मार्गदर्शन में डॉ. यतीश शर्मा, डॉ. सिद्धार्थ वर्मा, डॉ. अनुराग कुमार, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. लीना गोयल, डॉ. कौस्तुभ की देखरेख में विप्पल सर्जरी की गई। शल्य चिकित्सा में ऐसी सर्जरी कम होती हैं। वजह जोखिम का अधिक होना बताया जाता है। सफल सर्जरी के बाद जहां चिकित्सकों की टीम ने चैन की सांस ली वहीं परिजन भी बहुत खुश थे। अब दौलतराम बिल्कुल स्वस्थ है। इस सर्जरी पर डॉ. मुकुंद मूंदड़ा ने कहा कि यह जोखिम हमारी टीम द्वारा सिर्फ मरीज की उम्र को देखकर लिया गया। हम चाहते तो मना कर देते लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका।
डॉ. मूंदड़ा बताते हैं कि विप्पल एक जटिल ऑपरेशन है। इसमें पैंक्रियाज (अग्नाशय) के शुरुआती हिस्से के साथ ही डिओडेनम, गॉलब्लेडर और बाइल डक्ट (पित्त नली) को हटाया जाता है। विप्पल प्रोसीजर से पैंक्रियाज, डिओडेनम और बाइल डक्ट में ट्यूमर और अन्य डिसऑर्डर को ठीक करने में मदद मिलती है। यह पैंक्रियाज में हुए कैंसर के इलाज के लिए सबसे जरूरी सर्जरी है। सर्जरी के बाद पैंक्रियाज को स्मॉल इंटेस्टाइन से जोड़ दिया जाता है ताकि खाने को सही तरह से डायजेस्ट किया जा सके।
डॉ. मूंदड़ा का कहना है कि पैंक्रियाज के कैंसर के इलाज में विप्पल सर्जरी कैंसर पीड़ित के लिए फिर से नया जीवन मिलने जैसा है। वह बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति के पैंक्रियाज, डिओडेनम, गॉलब्लेडर और बाइल डक्ट में कैंसर की शुरुआत या कोई डिसऑर्डर की समस्या होती है, तो विप्पल प्रोसीजर की ही आवश्यकता होती है। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बड़ी और सफल सर्जरी के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी वहीं दौलतराम के परिजनों ने के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार जताया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments