12 से अधिक छात्र ऐसे भी जिन्हें दो और तीन-तीन कंपनियों से मिले जाॅब ऑफर
मथुरा : भारत विकासशील देश है। जहां सिविल से जुडे़ प्राइवेट और सरकारी सेक्टर को आये दिन ऐसे सिविल इंजीनियरों की आवश्यकता होती है जो विकासशील देश में और अधिक परिवर्तन लाकर नई रोड़ डिजाइन, रोड़ मैप, बाईपास और ताकतवर पुल आदि विकास से जुडे़ डिजाईन और उनके कुशल प्रबंधन से लेकर उनके निर्माण में अत्याधिक गति दे सके। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का सिविल इंजीनियरिंग विभाग भी इस गति को तीव्र गति देने में जुटा हुआ है। हाल ही में 92 प्रतिशत छात्रों का चयन विभिन्न कंपनियों में हुआ है।
विदित रहे कि जीएलए विश्वविद्यालय के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के 92 प्रतिशत छात्रों को 19 से अधिक कंपनियों में रोजगार मिला है। इनमें से अधिकतर कंपनियां कोर कंपनियां हैं। इसके अलावा 12 से अधिक छात्र ऐसे जिन्हें एक नहीं बल्कि दो और तीन-तीन कंपनियों ने जाॅब ऑफर प्रदान किए हैं। चयनित हुए छात्रों में अधिकतर छात्रों को 6 लाख से अधिक पैकेज पर रोजगार मिला है। डिजाइन इंजीनियर से लेकर असिस्टेंट मैनेजर और अन्य पदों पर छात्र एचजी इंफ्रा इंजीनियरिंग, यूनिवर्सल मैप प्रोजेक्ट, दिल्ली इंटीग्रेटेड, एचसीसी इंडिया, टेक्टबेल इंजीनियर, केईसी इंटरनेशनल, एमएस इंफ्रा, एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर, ब्रिजकाॅन, स्काईलार्क, आरकेसी इंफ्राबिल्ट, अडानी गु्रप, आईसीआईसीआई बैंक, इंडस्ट्रियल काॅनबिल्ड, यंगमैन, एसटीएस इंफ्रा, जेएमसी प्रोजेक्ट, ओम लाॅजिस्टिक्स, टीसीई, पटेल इंजीनियरिंग आदि कंपनियों ने विश्वविद्यालय में कैंपस प्लेसमेंट आयोजित कर छात्रों से रूबरू होकर रोजगार दिया है।
तीन कंपनियों से जाॅब ऑफर प्राप्त करने वाले छात्र उज्जवल तोमर कहते हैं कि सिविल के क्षेत्र में जिस प्रकार आज से कुछ वर्ष पहले सिविल इंजीनियरों की मांग थी। ठीक उसी प्रकार आज भी वही दौर आ गया है। इस विकासशील देश में कोर कंपनियों में सिविल छात्रों की अत्याधिक मांग बढ़ी है। क्योंकि सरकार ने देश के विकास का पंख लगाने का काम किया है। यही कारण है कि सिविल क्षेत्र की कंपनियों ने भी अपने रोजगार के द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर और आधुनिक शिक्षा जीएलए ने दी। इसी आधुनिक शिक्षा के कारण ही मुझे तीन कंपनियों से बेहतर पैकेज पर जाॅब ऑफर मिला।
विभागाध्यक्ष प्रो. सुधीर गोयल कहते हैं कि जीएलए के सिविल विभाग के प्रोफेसरों ने ठाना है कि यहां शिक्षा लेने वाला हर छात्र रोजगारपरक बनने के अलावा उद्यमिता की ओर अग्रसर हो। इसके लिए विभाग में स्थापित हाइड्रोलिक्स और हाइड्रोलिक मशीन लैब, निर्माण सामग्री लैब-बिल्डिंग मटेरियल लैब, कंक्रीट लैब, परिवहन प्रयोगशाला, संरचना विश्लेषण प्रयोगशाला, स्ट्रक्चरल विश्लेषण जैसी लैबों में छात्रों प्रयोगात्मक ज्ञान देकर सिविल से पूर्ण ज्ञान अर्जित किया जाता है। उन्होंने बताया कि सिविल विभाग में 6 नेशनल एवं इंटरनेशनल एमओयू एवं 3 सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस की स्थापना से छात्रों को आधुनिक साॅफ्टवेयर पर ट्रेनिंग एवं उनमें चल रहे प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के भी अवसर मिल रहे हैं।