मथुरा। विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सेल द्वारा स्कूल ऑफ़ एजुकेशन में एक सप्ताह तक चलने वाले फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का ऑनलाइन आयोजित किया गया। एक सप्ताह चले इस कार्यक्रम के दौरान अनुभवी और शिक्षा के क्षेत्र में कई मानदंड स्थापित करने वाले विशेषज्ञों ने संस्कृति विवि के शिक्षकों से आनलाइन संवाद करते हुए उनको आधुनिक तकनीकियों से अवगत कराया। वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति से जोड़कर उनके भविष्य को ऊंचाइयों पर लेकर जाना है।
इसमें वक्ताओं ने लर्नर सेंटर्ड एंड इंटरैक्टिव पेडागोगी इन नई एजुकेशन पालिसी 2020 के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की, इसमें उन्होंने बताया की नई शिक्षा निति से भविष्य में नए -नए मार्ग प्रशस्त होंगे और देश की युवा आबादी जो आज रोजगार के लिए भटक रही है, वही हमारे देश के युवा विश्व स्तर पर अपनी ख्याति से लोगो का ध्यान आकृष्ट करेंगे। विश्व के कई देशों की जितनी जनसंख्या है उतनी जनसँख्या भारत के युवाओं की है। नई शिक्षा निति उद्योग से जोड़ कर छात्रों के विभिन्न कला, कौशल एवं रोजगार से जोड़कर परिकल्पित की गई है। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भी शिक्षा को हस्त शिल्प कला से जोड़ने एवं छत्रों को रोजगार से जोड़ने के लिए कहाँ था। छात्र केंद्रित शिक्षा प्रणाली से देश एवं समग्र शिक्षा प्रणाली का विकास होगा।
कार्यक्रम के दौरान संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. ऍम.बी. चेट्टी, मुख्य अतिथि प्रोफ. डॉ. चंद्र भूषण शर्मा डायरेक्टर, स्कूल ऑफ़ एजुकेशन IGNOU नई दिल्ली, प्रमुख वक्ता प्रोफ. डॉ. दिनेश चहल शिक्षा संकाय केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, प्रोफ. डॉ. रेनू गुप्ता डीन स्कूल ऑफ़ एजुकेशन, संस्कृति विश्वविद्यालय एवं विभिन्न विश्वविद्यालय एवं कॉलेज के शिक्षक, शोध छात्र, भावी शिक्षक आदि ने भाग लिया।
संस्कृति विवि के शिक्षकों को बताए शिक्षण के आधुनिक तरीके
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