शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच की टीम भी साधु के भेष में थी
नन्दगांव के कुंजकुटी आश्रम में रह रहा था शातिर अपराधी
शातिर अपराधी पर था गुजरात पुलिस द्वारा पचास हजार का इनाम घोषित
बरसाना: बीस सालों से साधु का भेष धारण करके नन्दगांव में रह रहा हत्यारा गुजरात पुलिस के हत्थे चढ़ा। उक्त हत्यारे पर गुजरात पुलिस द्वारा पचास हजार का इनाम घोषित था। गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच की टीम उक्त हत्यारे को पकड़ने के लिए तीन दिन तक साधु भेष में नन्दगांव में घूमती रही।
3 सितंबर 2001 को ओडिशा के गंजाम जनपद के रहने वाले पदम उर्फ राकेश पंडा सूरत के उधना इलाके के शांतिनगर सोसायटी में किराये पर रहता था। पदम उर्फ राकेश पंडा यहां भजिया का कारोबार करता था। इस दौरान उसका पड़ोस की रहने वाली महिला से प्रेम प्रसंग हो गया। वहीं सूरत के रहने वाले विजय सचीदास भी उक्त महिला के घर आता जाता था। जो पदम उर्फ राकेश पंडा को नागवार गुजरा। जिसके चलते पदम उर्फ राकेश पंडा ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर पहले विजय सचीदास का अपहरण किया। उसके बाद सूरत के उधना खाड़ी के किनारे ले जाकर हत्या कर दी। तभी से आरोपित पदम उर्फ राकेश पंडा सूरत से फरार होकर मथुरा भाग आया। जिसके बाद पदम उर्फ राकेश पंडा नन्दगांव के कुंजकुटी आश्रम में साधु का भेष बनाकर रह रहा था। उक्त अपराधी पर सूरत पुलिस द्वारा पचास हजार का इनाम घोषित किया। शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए सूरत पुलिस ने कई राज्यों में दबिश दी, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका। बीस साल बाद सूरत की क्राइम ब्रांच टीम को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि उक्त अपराधी साधु के भेष में नन्दगांव में रह रहा है। जिसके चलते सूरत की क्राइम ब्रांच टीम 26 जून को नन्दगांव आ गई। उक्त शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए क्राइम ब्रांच टीम ने भी साधु व पुजारी का भेष बनाकर पहले उसकी रैकी की। जिसके बाद 28 जून को उसे कुंजकुटी आश्रम में धर दबोचा। थाना प्रभारी निरीक्षक अरुण बालियान ने बताया कि उक्त आरोपी करीब बीस सालों से नन्दगांव में साधु के भेष में रह रहा था। जिसे गुजरात की क्राइम ब्रांच टीम गिरफ्तार करके ले गई। उक्त आरोपित हत्या के केस में फरार चल रहा था।