जीएलए में सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस आईबीएम के तत्वावधान में आयोजित हुई अपस्किलिंग इंग्लिश पर -इंटरनेशनल एफडीपी, 6 से अधिक देशों के शिक्षकों ने किया प्रतिभाग
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टीचिंग एवं लर्निंग डेवलपमेंट को सशक्त मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस आईबीएम एवं अंग्रेजी विभाग ने एक अंतर्राष्ट्रीय मंच साझा किया है। इस मंच पर कई देशों के विषय-विशेषज्ञ और शिक्षाविद जुटे। इस दौरान शिक्षकों ने जाना कि किस प्रकार विद्यार्थियों को अंग्रेजी में दक्ष बनाया जाए।
विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में अपस्किलिंग इंग्लिश विषय पर आयोजित दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) में जापान, जर्मनी, हाॅगकांग सहित जीएलए विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। एफडीपी का शुभारम्भ प्रबंधन संकाय के निदेशक प्रो. अनुराग सिंह एवं इंटरनेशनल रिलेशन विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डाॅ. निर्भय मिश्रा ने सभी विषय-विशेषज्ञ और प्रतिभागियों का एक दूसरे को परिचय कराते हुए की।
ब्रिटिश टिसोल ट्रेनर डाॅ. रफेल ने भाषा के स्किलों को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि आज अंग्रेजी भाषा के लिए सभी शिक्षकों को तकनीकी प्रयोगों के बारे में जानना बेहद जरूरी है, जिससे कि सभी विद्यार्थियों को उसका ज्ञान हो। आज के समय में छात्र को अधिकतर भाषाओं के साथ अंग्रेजी भाषा का ज्ञान ठीक से होना महत्वपूर्ण है। इसका मुख्य कारण है कि आज समय में जिस एआई जैसी तकनीक सामने आ रही हैं। उन तकनीकों के बेहतर प्रयोग के लिए ही अंग्रेजी की आवश्यकता होगी। आने वाला भविष्य भी अंग्रेजी से ही तय होगा।
डाॅ. डेनी ने इंग्लिश ग्रामर की बारीकी एवं तकनीकी पहलुओं पर ध्यान देते हुए इंग्लिश राइटिंग को और बेहतर बनाने के गुर शिक्षकों को बताए। उन्होंने ऐसे कई शब्दों का उल्लेख किया, जो कि आमतौर पर गलत तरीके से प्रयोग किए जाते हैं और इस प्रकार गलत अर्थ प्रदर्शित करते हैं।
डाॅ. इंगा ने इसी प्रकार ओरल कम्यूनिकेशन की बारीकियों को समझाते हुए बताया कि कैसे हम एक नान इंग्लिश स्पीकर को आसानी से एवं कम समय में स्पीकिंग को अच्छा बनाया जा सकता है। प्रो. इंगा ने मैनेजमेंट शिक्षा के क्षेत्र में चल रहे नये आयामों की चर्चा की एवं बताया कि कैसे सभी को अपने पर्सनल एवं प्रोफेशनल लाइफ में मैनेजमेंट स्किल की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे मैनेजमेंट शिक्षा का वास्तविक जीवन में उपयोग किया जाए।
जीएलए के प्रतिकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता एवं डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा ने इंटरनेशनल एफडीपी के बारे में कहा कि अब जीएलए के छात्रों को विश्वस्तरीय भाषाओं की शिक्षा भी जीएलए में मिल सकेगी। इसके लिए जीएलए का इंटरनेशनल विभाग काफी प्रयासरत है। ऐसी इंटरनेशनल एफडीपी से शिक्षक विश्वस्तर पर बोले जाने वाली अंग्रेजी भाषा का ज्ञान लेकर अपने छात्रों को प्रदान करें।
इंटरनेशनल रिलेशन विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर डाॅ. निर्भय मिश्रा ने एफडीपी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अपस्क्लि द इंग्लिश लैंग्वेज एंड प्रोफेशनल स्किल्स विद 21 सेंचुरी स्किल्स विषय पर आयोजित एफडीपी ब्रिटिश इंपीरियल यूके और जीएलए विश्वविद्यालय के सहयोग से संपन्न हुई। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश इंपीरियल यूके अकादमिक अंग्रेजी और पेशेवर कौशल जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से संकाय सदस्यों, छात्रों और शोधकर्ताओं को प्रशिक्षित करने का कार्य करती है, जो कि ब्रिटिश सरकार की काउंसिल द्वारा प्रमाणित संस्था है। इसी के माध्यम से ब्रिटिश टिसोल प्रोग्राम के अन्तर्गत आयोजन हुआ।
इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. रामान्जनेय उपाध्याय, कार्यक्रम के संयोजक डा. सुप्रिया, डा. प्रतीक पाण्डेय, डा. मुकुंद कुमार मिश्र एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।