कम्पनी पदाधिकारी ने दी आइसक्रीम उत्पादन प्रक्रिया की जानकारी
मथुरा। जो बातें पुस्तकें पढ़कर भी समझ में नहीं आतीं वही बातें छात्र-छात्राएं शैक्षिक भ्रमण में आसानी से सीख व समझ लेते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि देखना ही विश्वास करना है। जीएल बजाज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा छात्र-छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान देने के साथ ही उन्हें प्रयोगात्मक जानकारी दिलाने के लिए समय-समय पर शैक्षिक भ्रमण को भेजता रहता है। हाल ही में डॉ. तनुश्री गुप्ता तथा श्रुति गौतम के मार्गदर्शन में यहां के प्रबंधन छात्र-छात्राओं ने छाता स्थित क्रीमबेल आइसक्रीम इंडस्ट्रीज लिमिटेड का शैक्षिक भ्रमण किया।
इस शैक्षिक भ्रमण में कम्पनी पदाधिकारी ने एमबीए के छात्र-छात्राओं को बताया कि क्रीमबेल भारत की प्रसिद्ध आइसक्रीम ब्रांडों में से एक है। गर्मी के सीजन में यह संयंत्र प्रतिदिन लगभग 2.25 लाख लीटर बर्फ का उत्पादन करता है। कम्पनी पदाधिकारी ने छात्र-छात्राओं को आइसक्रीम बनाने से लेकर दूध के पाश्चुरीकरण, विभिन्न आइसक्रीमों में स्वाद, रंग का समावेश, ठंडा करने की प्रक्रिया, पैकेजिंग, मोल्डिंग, उत्पादित आइसक्रीम के भंडारण और उसके वितरण आदि की जानकारी दी। कम्पनी का शैक्षिक भ्रमण कर लौटे छात्र-छात्राओं ने बताया कि इससे पहले वह आइसक्रीम का स्वाद तो चखते थे लेकिन यह कैसे तैयार होती है, इसका रखरखाव कैसे किया जाता है, इसकी जानकारी पहली बार मिली।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि छात्र-छात्राओं को शैक्षिक भ्रमण से ही प्रयोगात्मक और व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त होता है। औद्योगिक दौरे छात्र-छात्राओं के आत्मविश्वास निर्माण में योगदान करते हैं तथा उन्हें अवधारणाओं की स्पष्टता सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है।
संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि जीएल बजाज में शैक्षिक भ्रमण शैक्षणिक कैलेंडर का अभिन्न हिस्सा है। छात्र-छात्राओं को समय-समय पर संबंधित विभागों के संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन में औद्योगिक भ्रमण पर भेजा जाता है तथा वापस लौटने पर प्रत्येक विद्यार्थी को एक रिपोर्ट जमा करनी होती है जिसे संस्थान द्वारा आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया में उचित महत्व दिया जाता है।