मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए अजीजपुर, अकबरपुर, दो गांव में 27 एवं 28 जुलाई को वृक्षारोपण किया गया।
विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव के सरपंच एवं ग्रामीणों के साथ बैठक हुई और सर्वसम्मति से गांव में वृक्षारोपण के लिए स्थान का चयन किया गया। अजीजपुर गांव में मंदिर के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया और अकबरपुर के पंचायत भवन के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। वृक्षारोपण कार्यक्रम में 27 -28 जुलाई को राष्ट्रीय सेवा योजना के 39 स्वंयसेवी छात्रों ने योगदान दिया। 28 जुलाई को 42 राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वंयसेवी छात्रों ने वृक्षारोपण कार्य किया। इस अवसर पर संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना के संयोजक डॉ. के. के. पराशर, कार्यक्रम अधिकारी दुर्गेश नंदन, सोहन, डॉ. मृत्युंजय मिश्रा, डॉ. कमल पांडेय एवं ग्रामीण आदि उपस्थित थे।
डॉ. पराशर ने ग्रामीणों को वृक्षारोपण का महत्व से ग्रामीणों को अवगत कराया एवं जागरूक किया की वृक्ष इस प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वृक्ष हमें जीवन प्रदान करते है। क्योंकि, यें हमारे जीवन के लिए आवश्यक ऑक्सीजन गैस हमें प्रदान करते है। इन पेड़ों के बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नही है। यें पेड़ हमारी कईं आवश्यकताओं की पूर्ति करते है। लेकिन, इसके बदले में यें हमसे कुछ भी नहीं लेते है। वृक्षारोपण से वृक्षों की मात्रा बढ़ेगी। इससे हमारा वातावरण भी शुद्ध रहेगा। वृक्षारोपण के बढ़ने से हम सभी के स्वास्थ्य में सुधार आएगा। पानी की समस्या भी कम होगी और पृथ्वी के नीचे पानी की मात्रा भी बढ़ेगी। यदि वृक्ष की मात्रा अधिक होगी तो वर्षा की मात्रा भी अधिक होगी।
मेरी माटी मेरा देश के तहत संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा वृक्षारोपण किया गया
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