Sunday, November 24, 2024
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राष्ट्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है वित्तीय समावेशन

राजीव एकेडमी में फाइनेंशियल इनक्लूजन पर हुई कार्यशाला

मथुरा। किसी भी देश के आर्थिक विकास का मुख्य आधार उस देश का बुनियादी ढांचा होता है। यदि बुनियादी ढांचा ही कमज़ोर हो तो कितना भी प्रयास किया जाए व्यवस्था को आर्थिक मजबूती नहीं दी जा सकती। वस्तुतः यही कारण है कि ‘वित्तीय समावेशन’ के तहत यह सुनिश्चिथत किया जाता है कि अंतिम छोर पर खड़े व्यवक्तिा को भी आर्थिक विकास के लाभों से जोड़ा जा सके और कोई भी व्यक्ति आर्थिक सुधारों से वंचित न रहे। यह बातें मंगलवार को राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के बीबीए विभाग द्वारा वित्तीय समावेशन (फाइनेंशियल इनक्लूजन) पर आयोजित कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन मयंक चतुर्वेदी ने छात्र-छात्राओं को बताईं।
कार्यशाला में हारमनी रियल एस्टेट गुरुग्राम के वित्तीय प्रबंधक मयंक चतुर्वेदी ने कहा कि देश के आर्थिक विकास को गति प्रदान करने में वित्तीय समावेशन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को वित्तीय समावेशन की परिभाषा, अर्थ और महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय समावेशन किसी भी समाज या राष्ट्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे देश की आर्थिक गरीबी को कम करने में मदद मिलती है। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि वित्तीय समावेशन के माध्यम से पिछड़ों एवं कम आय वर्ग लोगों को वित्तीय सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने कहा कि देश के जिन लोगों तक अभी तक बैंकिंग सेवाएं नहीं पहुंचीं हैं, उन्हें त्वरित गति से बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना, उन्हें छोटी-छोटी बचत कर अपने खाते में धन संग्रह करने की आदत डालना ही वित्तीय समावेशन की सच्ची राष्ट्र सेवा है। वित्तीय समावेशन के सभी स्तम्भों पर चर्चा करते हुए उन्होंने राष्ट्र के लोगों के लिए वित्तीय साक्षरता तथा टेक्नोस्पायर को महत्वपूर्ण और आवश्यक स्तम्भ बताया।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि आज के आई.टी. युग में भी हमारे गांवों में अनेकों लोग बैंक में वित्तीय लेन-देन ठीक से नहीं कर पाते। वित्तीय समावेशन में ऐसे लोगों को बैंकिंग सेवाओं की विस्तार से जानकारी दी जाती है। लोगों को धन बचाने, भुगतान करने, धन ट्रांसफर करने, बैंकिंग जोखिमों को कवर करने तथा आर्थिक विकास और विस्तार के लिए उधार लेने की सुविधा से अवगत कराया जाता है। वित्तीय समावेशन के तहत देश के प्रत्येक नागरिक को अर्थव्यरवस्थाा की मुख्ययधारा में शामिल करने का प्रयास किया जाता है। ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि गरीब आदमी को बचत करने के साथ-साथ विभिन्ना वित्तीय उत्पाेदों में सुरक्षित निवेश करने के लिये प्रोत्सातहित किया जा सके। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स पर्सन मयंक चतुर्वेदी का आभार माना।

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