Sunday, November 24, 2024
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न्यूटन की गति के नियम आज भी प्रासंगिकः डॉ. भारद्वाज

न्यूटन की गति के नियमों से रूबरू हुए राजीव एकेडमी के विद्यार्थी

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में गुरुवार को बीएससी के छात्र-छात्राओं के लिए न्यूटन की गति के नियमों पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें रिसोर्स पर्सन डॉ. शिवराज भारद्वाज (प्रोफेसर भौतिक शास्त्र) ने बताया कि जो वस्तु विराम अवस्था में है वह स्थिर ही रहेगी और जो वस्तु एक समान गति में है वह तब तक एक समान गति में बनी रहती है जब तक उस पर कोई बाहरी बल नहीं लगाया जाता।
डॉ. भारद्वाज ने छात्र-छात्राओं को बताया कि वर्षों बाद आज भी भौतिक विज्ञानी न्यूटन की गति के नियमों को प्रासंगिक मानते हैं। तभी इन नियमों को आधार मानकर नए-नए प्रयोग हो रहे हैं तथा विद्यार्थियों को भी न्यूटन की गति के इन नियमों की जानकारी दी जाती है। परीक्षाओं में इन पर प्रश्न भी पूछे जाते हैं लेकिन ग्रेज्युएशन में इन नियमों को विस्तार से बताया जाता है ताकि विद्यार्थी इनको सिद्धान्त रूप में प्रयोग में लाते हुए उसकी व्यावहारिकता सिद्ध कर सकें। उन्होंने कहा कि गति या विश्राम की अवस्था को बिना बल लगाए नहीं बदला जा सकता। यदि कोई वस्तु किसी विशेष दिशा में आगे बढ़ रही है, तो वह उस दिशा में तब तक चलती रहेगी, जब तक उसे रोकने के लिए कोई बाहरी बल न लगाया जाए।
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि न्यूटन की गति का पहला नियम कहता है कि यदि कोई पिंड आराम की स्थिति में है या एक सीधी रेखा में स्थिर गति से चल रहा है, तो वह आराम की स्थिति में ही रहेगा या सीधी रेखा में चलता रहेगा जब तक कि उस पर किसी बाहरी बल द्वारा कार्रवाई न की जाए। न्यूटन की गति का दूसरा नियम बताता है कि किसी पिंड के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाए गए बल के सीधे आनुपातिक होती है और संवेग कुल लगाए गए बल की दिशा में होता है। न्यूटन की गति के तीसरे नियम के अनुसार प्रत्येक क्रिया की हमेशा बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है।
रिसोर्स पर्सन ने बीएससी के विद्यार्थियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दिए तथा इन नियमों की व्याख्या करते हुए किसी वस्तु पर लगाए गए बल और उसके द्रव्यमान तथा उसके गतिमान होने के सम्बन्ध स्पष्ट किये। इतना ही नहीं उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से भी छात्र-छात्राओं को न्यूटन के नियमों की जानकारी दी। कार्यशाला में विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में विभागाध्यक्ष ने रिसोर्स पर्सन डॉ. शिवराज भारद्वाज का आभार माना।

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