जीएलए को मिली “एमएसएमई इनोवेटिव बिजनेस इंक्यूबेटर” की मंजूरी
मथुरा : मथुरा, आगरा-अलीगढ़ के वैसे नवप्रवर्तनकर्ताओं और छात्रों के लिए गुड न्यूज है, जो अपने आइडिया और इनोवेशन की बदौलत उद्यमी बनने का सपना देख रहे हैं। क्योंकि, अब उनके सपने को जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में ‘एमएसएमई इनोवेटिव बिजनेस इंक्यूबेटर साकार करेगा। ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित करने और आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने जीएलए विश्वविद्यालय को (एमएसएमई) का इन्क्यूबेशन सेंटर बनाने की स्वीकृति दे दी है।
जीएलए को मिली इस स्वीकृति के बाद छात्र अब अपने इनोवेटिव आइडिया का प्रपोजल जीएलए इन्क्यूबेशन सेंटर को भेज सकेंगे। इसके बाद जीएलए की टीम उन प्रपोजल को शॉर्टलिस्ट कर एमएसएमई को भेजेगी, वहां से प्रपोजल सेलेक्ट होने पर संबंधित छात्र को उसके आइडिया के अनुसार प्रोटोटाइप व प्रोडक्ट के रूप में तैयार करने के लिए प्रति आइडिया 15 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता और संबंधित संयंत्र तथा मशीनों के लिये एक करोड़ रुपए प्रदान किये जाएंगे। वहीं, संस्थान की ओर से ऑफिस, इंटरनेट, सिस्टम, प्रोफेशनल गाइडेंस व इंफ्रास्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही, प्लग एंड प्ले सर्विस के तहत इन्क्यूबेशन सेंटर के जरिए वे अपने स्टार्टअप का संचालन कर सकेंगे।
उपकुलपति प्रो. अनूप गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि नवप्रवर्तनकर्ताओं और छात्रों से विचारों को आमंत्रित करने के लिये एक एमएसएमई आइडिया हैकथॉन शुरू करने की घोषणा की है। छात्रों को उनके इनोवेटिव आइडिया के अनुसार बेहतर प्रपोजल तैयार करने के लिए भी इन्क्यूबेशन सेंटर से सहयोग दिया जाएगा। साथ ही, युवा एमएसएमई में आवेदन करने से संबंधित जानकारी भी यहां से प्राप्त कर सकेंगे। बताते चलें कि समय-समय पर एमएसएमई द्वारा पूरे देश से इनोवेटिव आइडिया मंगाए जाते हैं। उनमें से बेहतर आइडिया का चयन कर उसे मूर्त रूप देने में सहयोग किया जाता है।
इन्क्यूबेशन सेंटर के निदेशक प्रो. मनोज कुमार ने बताया कि एमएसएमई इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से इनोवेटिव युवा को एक प्रोटोटाइप व प्रोडक्ट के रूप में डेवलप करने और उसे एक स्टार्टअप खड़ा करने में सहयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि छह माह पहले एमएसएमई इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए एमएसएमई को आवेदन किया गया था। उसके बाद एमएसएमई की टीम ने संस्थान का दौरा किया था, अब जाकर इन्क्यूबेशन सेंटर की स्वीकृति मिली है। इससे उत्तर प्रदेश सहित मथुरा, आगरा-अलीगढ़ के नवप्रवर्तनकर्ताओं और छात्रों को लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा, आईक्यूएसी निदेशक प्रो. विशाल गोयल, सीएसईडी के एसोसिएट डायरेक्टर पुष्कर शर्मा, इंक्यूबेशन टीम महाप्रबंधक रवि तिवारी, न्यूजेन आईईडीसी कोऑर्डिनेटर जितेन्द्र कुमार एवं सहायक प्रबंधक अभिषेक गौतम का प्रयास एवं सहयोग प्रशंसनीय रहा।
ऐसे समझिए…
इन्क्यूबेशन सेंटर को सरल शब्दों में कहें, तो यह एक ऐसा संस्थान है जहां स्टार्टअप को सभी तरह की सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाता है। इन्क्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप के लिए टेक्निकल सपोर्ट, लीगल डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट, नेटवर्क, बिजनेस कनेक्शन, काम करने के लिए वर्किंग स्पेस और सबसे खास बात सीड फंडिंग यानी शुरुआती पूंजी उपलब्ध कराते हैं। कुल मिलाकर यदि आपके पास कोई आइडिया है, तो इन्क्यूबेशन सेंटर आपको अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए जो भी जरूरी है, सभी प्रकार की मदद करते हैं। यह सरकारी और प्राइवेट दोनों हो सकते हैं। स्टार्टअप को मदद के बदले इनकी कोई शर्त भी हो सकती है।