Sunday, November 24, 2024
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दंत उपचार में आंशिक बंधुआ पुनर्स्थापन कम खर्चीलाः डॉ. प्रियंका सिक्का

के.डी. डेंटल कॉलेज में ओरल केयर क्लीनिकल विशेषज्ञ ने साझा किए अनुभव

मथुरा। दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों से छात्र-छात्राओं को अवगत कराने के लिए के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आंशिक बंधुआ पुनर्स्थापन-एक नया परिप्रेक्ष्य विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें उत्तर-पूर्वी भारत की जानी-मानी ओरल केयर क्लीनिकल विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका जैन सिक्का ने अपने अनुभव साझा किए। सीडीई कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी के स्वागत भाषण से हुई।
महाविद्यालय के व्याख्यान कक्ष में आयोजित सीडीई कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डॉ. प्रियंका जैन सिक्का ने छात्र-छात्राओं को बताया कि आंशिक बंधुआ पुनर्स्थापन एक प्रकार का न्यूनतम कष्टदायी उपचार है। यह दांतों के प्राकृतिक स्वरूप के गुणों को पूरी तरह से क्रियान्वित करने के साथ एक अच्छा सौंदर्यबोध प्रदान कर सकता है, जोकि हर व्यक्ति की प्रमुख चिंताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि पार्शियल बॉन्डेड रिस्टोरेशन से मरीजों को पारम्परिक फुल क्राउन रिस्टोरेशन की तुलना में खर्च में भी राहत मिलती है, जिससे यह एक बेहतर उपचार विकल्प बन जाता है।
डॉ. प्रियंका ने इस बात पर जोर दिया कि ‘अगर कोई सीखने का इच्छुक नहीं है तो कोई उसकी मदद नहीं कर सकता, लेकिन अगर कोई सीखने के लिए दृढ़ संकल्पित है, तो उसे कोई नहीं रोक सकता।’ उनके व्याख्यान और प्रदर्शन का उद्देश्य मुख्य रूप से आंशिक बंधुआ बहाली और सीमेंटेशन तकनीकों के लिए दांतों की तैयारी के सभी बुनियादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना था। ये बुनियादी सिद्धांत स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को रोगी देखभाल और सुधार में मदद करेंगे।
वक्ता ने आंशिक बंधन की सभी अवधारणाओं को व्याख्यान और लाइव डेमो के माध्यम से बहुत सरल तरीके से समझाया। उन्होंने के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. मनेश लाहौरी के आग्रह पर 20 छात्र-छात्राओं को अलग से व्यावहारिक जानकारी भी दी। अंत में डॉ. प्रियंका ने प्रतिभागियों द्वारा रखे गए सभी प्रश्नों का समाधान किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. प्रियंका जैन सिक्का और डॉ. मनेश लाहौरी द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ हुआ। डॉ. लाहौरी ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं को न्यूनतम इनवेसिव दंत चिकित्सा की बेहतर जानकारी मिलती है। सभी प्रतिभागियों ने सीडीई कार्यक्रम की मुक्तकंठ से सराहना की।

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