Saturday, November 23, 2024
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जीएलए के प्रोफेसर और छात्र के तकनीकी आइडिया का पेटेंट पब्लिश

-जीएलए के प्रोफेसर और छात्र के तकनीकी आइडिया से ऑटोमेटिक रूप से बंद कमरे में लगा एसी

मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के मैकेनिकल विभाग के प्रोफेसर और छात्र ने ‘ऑटोमेटीकली स्विच ऑफ एंड ह्यूमन डिटेक्टिंग अटेचमेंट फॉर एयर कंडीशनर‘ विषय पर एक नया तकनीकी आइडिया सुझाया है। इस आइडिया से बिजली की बचत के साथ-साथ एसी के मेंटेनेंस में भी कमी आयेगी। सुझाए गए नए तकनीकी आइडिया का पेटेंट पब्लिश हो गया है।

विदित रहे कि गर्मी के मौसम में हम आरामदायक वातावरण के लिए कमरे के तापमान को कम करने के लिए एयर कंडीशनर (एसी) का उपयोग करते हैं। ऐसे में कभी-कभी अचानक कोई काम लगने पर जल्दबाजी में एसी बंद करना भूल जाते हैं, तो अब घबराने की जरूरत नहीं है। इसके लिए जीएलए विश्वविद्यालय में मैकेनिकल विभाग के अंतिम वर्ष के छात्र यश अग्रवाल ने डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा और असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सोनी कुमारी एवं डा. अभिषेक कुमार के दिशा निर्देशानुसार एक ऐसी तकनीक विकसित करने का शानदार विचार पेश किया है, जो कि कमरे में किसी व्यक्ति विशेष के न होने पर भी एसी ऑटोमेटिक बंद हो जायेगा।

छात्र यश अग्रवाल ने बताया कि एसी ऑटोमेटिक स्विच ऑफ नई तकनीक के तहत विभिन्न प्रकार के सेंसर का उपयोग किया है। जैसे कि ओमरॉन डी6टी बोर्ड माउंट टेम्परेचर सेंसर, जो कि केबिन या कमरे में मौजूद इंसान का पता लगाने का कार्य करेगा। अरुडिनो यूएनओ माइक्रोकंट्रोलर, जो कि आविष्कार में मस्तिष्क के रूप में कार्य करेगा। सर्वो मोटर जिसका उपयोग पंखों को हिलाने और पलटने का कार्य करेगा।

छात्र ने बताया कि इसी तकनीक के तहत एक आइडिया को विशेष तौर पर और जोड़ा गया है, जो कि एसी चलाने के बाद केबिन अथवा कमरे के तापमान में बदलाव के समय तक केबिन अथवा कमरे में तैनात व्यक्ति पर सीधे ठंठी हवा फेंकेगा। इससे व्यक्ति विशेष को भीषण गर्मी में आराम तो महसूस होगा ही, बल्कि एसी को भी अधिक समय तक चलाने की आवश्यकता महसूस नहीं होगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. पियूष सिंघल और डीन रिसर्च प्रो. कमल शर्मा कहते हैं कि अधिकतर देखा जाता है कि कार्यालयों अथवा घर पर लोग जल्दबाजी में कमरे का एसी चला हुआ छोड़ जाते हैं, जिससे बिजली की तो खपत होती ही है, बल्कि मेंटेनेंस में भी बढ़ोत्तरी होती है। छात्र द्वारा सुझाए गए आइडिया से बिजली की बचत के साथ-साथ मेंटेनेंस भी कमी देखने को मिलेगी। छात्र का यह आइडिया सब कुछ ठीक रहा तो, प्रोटोटाइप तैयारी के बाद ग्रांट के लिए भेजा जाएगा।

प्रोफेसरों के दिशा निर्देशानुसार छात्र के माध्यम से सुझाए गए आइडिया में पूर्ण सहयोग करने वाले प्रोफेसरों ने बताया कि छात्र द्वारा तैयार किया गया आइडिया एक नए अविष्कार को जन्म देगा। आइडिया का पेटेंट पब्लिश होने पर छात्र के चेहरे पर ख़ुशी छाई है। क्योंकि मेहनत का नतीजा मिलने पर हर छात्र को ख़ुशी होती है, बल्कि उसके उस कार्य में भी तेजी आती है, जो कि उसे आगे तक अंजमा देना चाहता है। छात्र का यह प्रयास अन्य छात्रों को भी नए आइडिया प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करेगा। ऐसे छात्रों का विश्वविद्यालय हमेशां पूर्ण सहयोग करने के लिए आगे खड़ा है।

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