-जीएलए में आयोजित पुस्तक मेले में पहुंचे 25 से अधिक बुक पब्लिशर
मथुरा : जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में हिंदी दिवस बडे़ ही उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय द्वारा दो दिवसीय विशाल पुस्तक मेले का आयोजन हुआ। मेले में पहुंचे 25 से अधिक बुक पब्लिशर के माध्यम से छात्र और शिक्षकों को किताबों की दुनियां देखने को मिली।
पुस्तक मेले का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने फीता काटकर किया। तत्पश्चात पुस्तक मेले में कुलपति के साथ उपकुलपति प्रो. अनूप कुमार गुप्ता और कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने पब्लिशर्स से अधिक पढ़ी जाने वाली किताबों के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान कुलपति ने पुस्तक मेले को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्र भाषा है। इस अवसर पर लगा पुस्तक मेला छात्रों को अधिक से अधिक ज्ञानार्जन में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में भी पुस्तकों का बहुत महत्व है, इस तरह के आयोजन छात्रों में सोचने और समझने की क्षमता का विकास करते हैं। पुस्तकें छात्रों के सर्वांगीण विकास में बहुत बड़ा योगदान देती हैं।
विश्वविद्यालय के पुस्तकालयध्यक्ष डा. राजेश कुमार ने बताया कि पुस्तक मेले में देश भर से आये 25 पब्लिषरों ने 35 विषयों की पुस्तक प्रदर्शनी लगायी, जिसमें प्रमुख पब्लिशर्स न्यूएज, बीपीबी पब्लिकेशन, सीबीएस पब्लिशर, एस चंद, एसआर साइंटिफिक, इंटरनेशनल बुक सेंटर, अरिहंत बुक, काॅगेज लर्निंग, बुक्स फाॅर आल, ओरिएंट, साइंटिफिक, टाटा मेग्रो हिल, पियरसन एजुकेशन, वाइले, स्प्रिंगर, सीआरसी प्रेस, टेलर एंड फ्रांसिस आदि ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया।
पुस्तकालयध्यक्ष ने बताया कि छात्र अपनी क्लास में पढ़ाई के दौरान अधिकतर पुस्तकों को पढ़ने से वंचित रह जाते हैं। इस पुस्तक मेले का मुख्य उद्देश्य यही है कि जिन पुस्तकों से छात्र ज्ञानअर्जन से वंचित रह जाते हैं वह प्राप्त कर सकें और प्रतियोगी परीक्षाओं बेहतर सफलता हासिल हो। इसके लिए छात्रों को पब्लिशरों के माध्यम से कम्प्यूटर साइंस, मशीन लर्निंग, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, प्रिंसिपल ऑफ़ आर्गेनिक फार्मिंग, डेटा एनालिसिस विद पाइथन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, नेटवर्क एनालिसिस, मोबाइल एंड वायरलैस कम्युनिकेशन, मार्केटिंग फाॅर कस्टमर वेल्यू, पेटेंट काॅपीराइट एंड ट्रेडमार्क, सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट विषयों की किताबों के अलावा छात्रों ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने के लिए विभिन्न प्रकार की पुस्तकों का अवलोकन और क्रय किया, जैसे कि इसरो इन इमेज, भारतीय भाषा लोक सर्वेक्षण, गेट, आइएएस, पीसीएस, कश्मीर और कश्मीरी पंडित, भारतीय लोक साहित्य आदि।
इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. आशीष शर्मा, एग्रीकल्चर डीन प्रो. सुरेंद्र सिवाच, एसोसिएट डीन एकेडमिक डा. आशीष शुक्ल, डा. रोहित अग्रवाल, उपपुस्तकालयध्यक्ष शिव सिंह, अजय शर्मा, सुशील सिंह, मित्रपाल सिंह आदि का सहयोग सराहनीय रहा।