Sunday, November 24, 2024
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सड़कों पर नंदी की दुर्दशा देख व्यथित हुए बाबा, तो खोल दी गौशाला

गौशाला में निस्वार्थ सेवा के साथ नंदी के संरक्षण और संवर्धन में जुटे दामोदर बाबा

आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण है श्रीपाद बाबा नंदी गौशाला, अड़ींग बाईपास पर स्थित है नंदी गौशाला

मथुरा : दान और निश्वार्थ सेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। ठीक ऐसी सेवाभाव अपनाकर गौऋषि दामोदर बाबा ने वह कर दिखाया जिसे करने के लिए सिर्फ लोग सोचकर की पीछे हठ जाते हैं। पिछले तीन दशकों से वृन्दावन में श्रीपाद बाबा गौशाला में आठ हजार से अधिक गायों की सेवा की जा रही है। इसी सेवाभाव को निश्वार्थ मानते हुए अडींग बाईपास स्थित श्रीपाद बाबा नंदी गौशाला के नवनिर्माण के बाद 500 से अधिक नन्दियों का पालन पोषण किया जा रहा है।

असहाय, लाचार, बीमार, बिना दूध देने वाली गायों की सेवा इस गौशाला में की जाती है। दामोदर बाबा का संकल्प है कि जल्द ही यहां 10 हजार तक नंदी गोवंश का संरक्षण होगा। नंदी गौशाला में सोलर प्लांट के द्वारा बिजली की व्यवस्था की गई है। नंदियों के जलपान के लिए हौदियों में 6 से 7 बार पानी बदला जाता है। खाने में दिन में तीन बार भूसा, हरा चारा, चोकर डाला जाता है। बीमार नन्दियों के इलाज के लिए निजी अस्पताल का भी निर्माण नंदी गौशाला के अंदर कराया गया है, जिसमें दो चिकित्सक मौजूद रहकर बीमार नंदियों को उपचार देते हैं। चिकित्सालय में दवाओं के साथ टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही दो एंबुलेंस भी हैं, जो कि बीमार होने पर उचित इलाज हेतु नन्दियों को वेटेरिनरी हॉस्पिटल भेजा जाता है। सड़कों पर बीमारी हालत में पड़े नन्दियों को एंबुलेंस की मदद से उपचार हेतु ले जाया जाता है। समय-समय पर जाकर इस नंदी गौशाला में श्रीबलभद्र पीठाधीश्वर आचार्य विष्णु भी देखरेख करते हैं।

बलभद्र पीठाधीश्वर आचार्य विष्णु ने बताया कि हमारी संस्कृति में गौवंश को पूजनीय माना गया है। गौवंश का संरक्षण एवं संवर्द्धन प्रत्येक भारतीय की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि दामोदर बाबा ने निजी स्तर पर नंदी गौशाला बनाने का फैसला लिया था। आज उनका संकल्प पूर्ण होकर निरंतर नंदी गौवंश का संरक्षण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में आमजन एवं गौभक्तों से भागीदारी निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से हम निराश्रित गौवंश की सेवा में कामयाब होंगे।

नंदी गौशाला खुलने पर शहर की सड़कों व जिले के विभिन्न गांवों में लावारिस घूम रहे नन्दियों को निरन्तर गौशाला ले जाने का प्रयास जारी है। इससे हमारे किसान भाइयों और आम जनता को भी सहूलियत मिलेगी। दामोदर बाबा ने बताया कि पहले कृषक कार्यों में नंदीओ के द्वारा खेती, बैलगाड़ी में प्रयोग किया जाता रहा है, लेकिन आधुनिक समय में अत्याधुनिक कृषि यंत्रों के प्रयोग होने के कारण असहाय स्थिति में नंदिओ को सड़कों पर आवारा छोड़ दिया जाता हैं। गौवंश की इस दुर्दशा से मन व्यथित हुआ तो, नंदी गोशाला खोलने का प्रण मन में धारण कर लिया, आज नंदी गौशाला संचालित होने से मन का संकल्प साकार रूप लें चुका हैं। नंदी गौशाला की सरकारी कामकाज की व्यवस्ता गोविंद पाण्डेय देख रहें हैं।

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