Sunday, November 24, 2024
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अपनी पर्सनल जानकारी किसी से भी साझा करना घातकः राहुल मिश्रा

जीएल बजाज में हुई साइबर अपराध रोकथाम पर कार्यशाला

मथुरा। आज के समय में हर कोई इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल कर रहा है तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी सोशल मीडिया में साझा कर साइबर अपराधों को बढ़ावा दे रहा है। यदि हमें साइबर अपराध से बचना है तो अपनी पर्सनल जानकारी, बैंक डिटेल्स आदि कभी भी किसी से साझा न करें। किसी भी अनाधिकृत ऐप को इंस्टॉल न करें, साथ ही किसी भी वेबसाइट का इस्तेमाल करते समय सावधानी जरूर बरतें। यह बातें शुक्रवार को जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा द्वारा साइबर अपराध रोकथाम विषय पर आयोजिक कार्यशाला में साइबर सुरक्षा सलाहकार राहुल मिश्रा ने प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को बताईं।
राहुल मिश्रा की जहां तक बात है वह उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सुरक्षा सलाहकार होने के साथ ही इनोवेटिव आइडियाज इन्फोटेक के साइबर-सलाहकार भी हैं। आईआईटी दिल्ली से आईटी और साइबर फोरेंसिक में बी-टेक राहुल मिश्रा को उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए कई साइबर अपराध मामलों को सुलझाने के लिए भी जाना जाता है। श्री मिश्रा साइबर सुरक्षा कार्यशालाओं में बतौर वक्ता लोगों को साइबर अपराधों से बचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। श्री मिश्रा ने जीएल बजाज में प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को आगाह किया कि अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें तथा मोबाइल या ई-मेल पर आए अनाधिकृत लिंक पर क्लिक न करें।
श्री मिश्रा ने कहा कि डेटा गोपनीयता एक मानव अधिकार है। इसे बंद करें, इसकी सुरक्षा करें और हैकर्स को ब्लॉक करें तथा अपने साइबरस्पेस को सुरक्षित करें। उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को साइबर अपराधों से बचने के उपाय बताए। श्री मिश्रा ने कहा कि गूगल से कोई भी ग्राहक सेवा नम्बर प्राप्त न करें तथा मनी ट्रांसफर के लिए क्यूआर कोड का उपयोग करें। अपना कार्ड दर्ज करने से पहले स्लॉट (स्किमर) को बाहर निकालें। यदि स्लॉट नकली है तो वह सामने आ जाएगा।
राहुल मिश्रा इनोवाडोर इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के तकनीकी निदेशक हैं, कम्पनी सूचना सुरक्षा ऑडिट करने के लिए सीईआरटी-ईन के साथ सूचीबद्ध है और एक सूचीबद्ध परीक्षण प्रयोगशाला (एसईटीएल) भी है। यह दोनों सूचीबद्ध भारत की चार कम्पनियों में से एक हैं। श्री मिश्रा ने सलाह दी कि अपने सोशल एकाउंट्स के पासवर्ड बदलते रहें। अपने एटीएम कार्ड का नम्बर, वैधता तिथि और कार्ड के पीछे लिखा सीवीवी नम्बर किसी को बिल्कुल न बताएं। उन्होंने कहा कि बैंक, कम्पनी या किसी भी विभाग की जानकारी लेने के लिए ऑनलाइन हेल्प लाइन नम्बर सम्बन्धित विभाग से वर्चुअल ही लें। लॉटरी, नौकरी और लोन दिलाने के झांसे में आकर ठगी से बचें और गोपनीय जानकारी किसी को शेयर न करें। अंत में संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने साइबर सुरक्षा सलाहकार राहुल मिश्रा को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।

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