मथुरा। संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में नए सत्र से दो नए पीजी कोर्स शुरू किए गए हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग, आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने विवि को प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग और शल्य तंत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अनुमति दे दी है।
संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड अस्पताल के प्राचार्य डा. मोहनन ने बताया कि मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) द्वारा किए गए निरीक्षण और उस निरीक्षण के बाद संस्कृति आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज को पीजी कोर्स चलाने की इसी सत्र से अनुमति दी गई है। उन्होंने बताया कि तीन वर्षीय इस पाठ्यक्रम को पूरा करने पर मास्टर आफ सर्जरी (एमएस) की डिग्री मिलती है। इन तीन वर्षों में पहला वर्ष एकेडमिक होता तथा दूसरे-तीसरे वर्ष में रिसर्च और थिसिस का काम होता है। उन्होंने कहा कि इस डीग्री को हासिल करने के बाद विद्यार्थी अपना अस्पताल खोलकर इंटरप्रिन्योर बन सकते हैं, किसी हास्पिटल में स्पेशलाइज्ड चिकित्सक का काम पा सकते हैं।
डा. मोहनन ने बताया कि वर्तमान में आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज एंड अस्पताल में बीएएमएस की पढ़ाई हो रही है। पीजी कोर्स आ जाने से विद्यार्थियों को कहीं और नहीं भटकना होगा। यहीं से वे एमएस की डिग्री हासिल कर निकलेंगे। उन्होंने बताया कि बीएएमएस में साढ़े चार वर्ष का कोर्स होता है। उसको उत्तीर्ण करने के बाद एक वर्ष की इंटर्नशिप कराई जाती है।
संस्कृति आयुर्वेद कालेज में शुरू हुए पीजी (मास्टर आफ सर्जरी) कोर्स
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