Wednesday, October 23, 2024
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जीएल बजाज में चौथी बार लगी वी केयर, वी शेयर प्रदर्शनी

संस्थान की निदेशक ने कहा- तीज-त्योहार समरसता का सूचक

मथुरा। शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का माध्यम है। उसी से समाज की चेतना और मानसिकता का निर्माण होता है। यदि युवाओं को शैक्षणिक काल से ही सामाजिक सरोकारों से जोड़ दिया जाए तो वे ताउम्र समाज की भलाई के कामों में पीछे नहीं रहेंगे। यह बातें जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने वी केयर, वी शेयर प्रदर्शनी के शुभारम्भ के अवसर पर कहीं।
दीपावली का त्योहार करीब है, इसे देखते हुए जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में वी केयर, वी शेयर प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में संस्थान के प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों ने अपने घरों की उन वस्तुओं को जगह दी है जोकि उनके लिए बेशक अनुपयुक्त हों लेकिन दूसरे लोगों के लिए बड़े काम की हैं। प्रदर्शनी का शुभारम्भ शशांक तिवारी प्रधानाचार्य एसबीएम छाता द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य श्री तिवारी ने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से छात्र-छात्राओं को यह सीख दी जाती है कि कैसे हम एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। यह प्रदर्शनी संस्थान के एनवायरनमेंट और सोशल क्लब के सदस्यों द्वारा लगाई गई, जिसका मकसद प्यार और दया का भाव व्यक्त कर दूसरों की मदद करना तथा अपने अहंकार को दूर कर कुछ न कुछ यहां से लेना अनिवार्य होता है।
इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक तीज-त्योहार समरसता का सूचक है। युवा पीढ़ी को ज्ञान और शिक्षा से समृद्ध करने के साथ ही उन्हें सामाजिक क्षेत्र में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना जरूरी है। इस प्रदर्शनी के संयोजक सतेन्द्र सिंह, बृजेश ग्रुप्ता तथा आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि यह अभिनव कार्य संस्थान द्वारा पिछले चार वर्षों से किया जा रहा है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने जी.एल. बजाज मथुरा द्वारा लगाई गई वी केयर, वी शेयर प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्र-छात्राओं को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा का मकसद सिर्फ डिग्री लेना ही नहीं बल्कि उन्नतशील एवं प्रगतिशील समाज के लिए उनके द्वारा कुछ अच्छा करना भी है। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति समाज की रीढ़ होती है। युवा समाज के जीवन मूल्यों का प्रतीक होते हैं लिहाजा उनकी आंखों में सपने देखने की ज्योति और शक्ति देना हर शिक्षक का कर्तव्य होना चाहिए।

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