गीतामृत गङ्गा परिवार के द्वारा 51 पार्थिवलिंग का पूजन कराया गया ,इस अबसर पर पण्डित भरत कटारा ने कहा कि पार्थिवलिंग का पूजन करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती है, भगवान श्री राम ने भी समुद्र पर सेतु बनाने से पूर्व पार्थिव लिंग की पूजा की थी, पार्थिवलिंग पूजा करने कलियुग में सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है मन को शांति मिलती है, बड़े बड़े ऋषि मुनियों ने पार्थिव लिंग पूजा करके सिद्धि प्राप्त की थी, सतयुग में जो फल रत्न लिंग की पूजा करने से प्राप्त होता था ,वही त्रेता में स्वर्ण लिंग की पूजा करने से प्राप्त होता था और जो त्रेता में स्वर्ण लिंग की पूजा करने से प्राप्त होता था वही द्वापर में पारद लिंग की पूजा करने से प्राप्त होता था और जो पुण्य द्वापर में पारद लिंग की पूजाकरने से प्राप्त होता है वही कलियुग में पार्थिव लिंग पूजा करने से प्राप्त होता है । शिव भक्तों ने पार्थिवलिंग पूजा पूर्ण श्रद्धा के साथ की। इस मौके पर
पार्थिवलिंग पूजा में अन्नू वैद्य जी, सोनू होडलिया,दीपक दलौतिया, बंटू, विनोद गोयल, बबिता , राखी,सतीश उपाध्याय जी ,दीपिका ,तनुजा, राहुल क्रेसर वाले आदि उपस्थित थे ।
कोसीकलां – 51 पार्थिवलिंगों की एक साथ पूजा कर भगवान शिव की आराधना की
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