मथुरा । संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एजुकेशन में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के दिवस पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। भारत सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के तहत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने पोस्टर मेकिंग में भाग लिया जिसमें प्रथम स्थान द्वितीय स्थान एवं तृतिय स्थान प्राप्त किया एवं इन विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया तथा विद्यार्थियों ने नाटक प्रस्तुत किया और शिक्षा के महत्व को बताया।
कार्यक्रम का उद्घाटन कुलाधीपति डॉ. सचिन गुप्ता ने किया सीईओ डॉ. मीनाक्षी शर्मा, कुलपति प्रोo एम. बी. चेट्टी, स्कूल ऑफ एजुकेशन की डीन डॉ. रेनू गुप्ता, स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. के. के. सिंह, स्कूल ऑफ रिहैबिलिटेशन के विभागाध्यक्ष बैरिस्टर यादव ने किया। डॉ. सचिन गुप्ता ने बताया कि भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आज़ाद का सपना था कि देश का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षा ग्रहण करे और देश को उन्नत राष्ट्र का निर्माण करे, उनके सपने को आगे बढ़ाना है, शिक्षा के द्वारा ही विद्यार्थीयों में व्यक्तित्व, चरित्र, मानव मूल्य का निर्माण होता है, शिक्षा ही व्यक्ति एवं देश को सशक्त बनाती है, इस कार्य में विश्वविद्यालय नित्य नवीन कार्य कर रहा है।
स्कूल ऑफ एजुकेशन की डीन डॉ. रेनू गुप्ता ने शिक्षा के महत्व को बताया एवं राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 का विषय “सतत भविष्य के लिए अभिनव शिक्षा ” है, यह विषय शिक्षा में नवाचार के महत्व और रचनात्मक और प्रगतिशील शिक्षण विधियों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। डॉ. के. के. सिंह ने शिक्षा से देश में कृषि विज्ञान एवं उसके विकास को बताया। कार्यक्रम में डॉ. मृत्युंजय मिश्रा, डॉ. राजश्री, डॉ. पूनम गुप्ता, डॉ. प्रियंका गौतम, डॉ. कमल पांडेय, जय प्रकाश, पुष्पेंद्र, गोविन्द यादव, तथा विद्यार्थी मौजूद थे।
संस्कृति विवि का लक्ष्य डा.कलाम के सपने को साकार करना
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