Saturday, November 23, 2024
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राजीव एकेडमी में डिजिटल लिट्रेसी पर हुई वर्कशॉप

  • छात्र-छात्राएं डिजिटल साक्षरता का अधिकाधिक उठाएं लाभः अभिषेक कुमार

मथुरा। राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट के प्लेसमेंट विभाग द्वारा एमबीए व एमसीए के छात्र-छात्राओं के लिए दो दिवसीय डिजिटल लिट्रेसी ट्रेनिंग पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता अभिषेक कुमार (माइक्रोसाफ्ट ट्रेनर) ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की जिन्दगी में सबसे बड़ी भूमिका डिजिटल साक्षरता की है लिहाजा छात्र-छात्राओं को इसका अधिकाधिक लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में डिजिटल साक्षरता इंसान की आत्मा बनती जा रही है।
नासकाम सेण्टम फाउण्डेशन एण्ड डीएक्ससी टेक्नोलॉजीज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित डिजिटल लिट्रेसी ट्रेनिंग के दौरान माइक्रोसाफ्ट ट्रेनर अभिषेक कुमार ने छात्र-छात्राओं से डिजिटल साक्षरता अपनाने का आग्रह करते हुए कहा कि सब कुछ डिजिटल हो गया है। शिक्षा से करियर, वित्त से विपणन तथा अनुसंधान से कार्यान्वयन तक सब कुछ आपकी उंगलियों पर है, बस सफलता के लिए थोड़ा प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्षरता ने वास्तव में दुनिया को करीब ला दिया है। हमें इस डिजिटल युग का अधिकतम लाभ उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्षरता लोगों से जुड़ने, सीखने, अपने समुदाय से जुड़ने तथा अधिक आशाजनक भविष्य बनाने में सबसे शक्तिशाली भूमिका निभा सकती है।
उन्होंने कहा कि डिजिटल साक्षरता आपको डिजिटल अर्थव्यवस्था में संलग्न होने, आजीविका में सुधार करने तथा डिजिटल कौशल हासिल करने में मदद कर सकती है। अभिषेक कुमार ने कहा कि वर्तमान और भविष्य की बढ़ती अर्थव्यवस्था तथा रोजमर्रा की जिन्दगी में सबसे बड़ी भूमिका डिजिटल साक्षरता की है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि जब पूरी दुनिया इस पर आश्रित है तो क्यों न अभी से इसकी ट्रेनिंग लेकर भविष्य की चुनौतियों को आसान कर लिया जाए।
रिसोर्स परसन ने कहा कि डिजिटल साक्षरता ही कौशल को बढ़ावा देती है। जिस गति से हमारे राष्ट्र में डिजिटलीकरण हो रहा है, हमें भी अपने आपको उसी गति के काबिल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि अब पुराने तरीके के स्थान पर डिजिटलाइजेशन स्थान लेता जा रहा है। आने वाले समय में डिजिटल कौशल के क्षेत्र में रोजगार की अपार सम्भावनाएं निर्मित होंगी। इस समय भारत में 95 प्रतिशत डिजिटल कौशल से युक्त कामगारों की मांग है। कार्यशाला में बिगडाटा अनालाइटिक्स, साइबर अटैक, ए.आई., क्लाउड कम्प्यूटिंग, आई.ओ.टी. कम्युनिकेशन, डाटा साइंस और डिजाइन थिंकिंग पर भी विस्तृत चर्चा हुई। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का बेशकीमती समय और अनुभव प्रदान करने के लिए आभार माना।

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