Saturday, April 12, 2025
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मां सरस्वती की कृपा के लिए मन का शांत होना जरूरीः डॉ. रामकिशोर अग्रवाल

मथुरा। बुधवार को आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के शैक्षिक संस्थानों के.डी. मेडिकल कॉलेज, जीएल बजाज तथा के.डी. कॉलेज आफ नर्सिंग एण्ड पैरा मेडिकल साइंस में विद्या की आराध्य देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना कर वसंत पंचमी मनाई गई। छात्र-छात्राओं ने मां सरस्वती की पूजा कर विद्या का वरदान मांगा। आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को वसंत पंचमी की शुभकामनाएं देते हुए लगन और मेहनत से विद्यार्जन करने का आह्वान किया।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा कि सरस्वती जी की पूजा मात्र से विद्या की प्राप्ति नहीं की जा सकती इसके लिए छात्र-छात्राओं को कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि यदि आपका मन शांत और पवित्र नहीं होगा तो मां सरस्वती की कृपा प्राप्त नहीं होगी, न ही पढ़ाई में सफलता मिलेगी। प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि वसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का सूचक है। वसंत ऋतु के आगमन से गर्मी के आगमन की आहट मिलने लगती है। वसंत का सीधा सा अर्थ है सौन्दर्य, शब्द का सौन्दर्य, वाणी का सौंदर्य, प्रकृति का सौंदर्य तथा प्रवृत्ति का सौंदर्य।


के.डी. मेडिकल कॉलेज में आचार्य करपात्री महाराज, पंडित देवनाथ द्विवेदी तथा आचार्य विकास मिश्रा ने मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती की पूजा-अर्चना सम्पन्न कराई। इस अवसर पर प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका ने अपने सम्बोधन में कहा कि मां सरस्वती की स्तुति करके हम अपने जीवन में सकारात्मकता का संचार कर सकते हैं। हम जीवन भर कुछ न कुछ सीखकर ज्ञान अर्जित करते रहते हैं इसलिए वसंत पंचमी का महत्व केवल छात्र-छात्राओं के लिए ही नहीं बल्कि हर व्यक्ति के लिए है। डॉ. अशोका ने कहा कि मां सरस्वती का वाहन हंस हमें लाइफ मैनेजमेंट के गुर सिखाता है। इस अवसर पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा, डॉ. वीपी पांडेय, डॉ. मंजू पांडेय, उप-महाप्रबंधक मनोज गुप्ता आदि सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक तथा मेडिकल छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
जीएल बजाज की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के बाद कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को हंस के समान विवेकशील होना चाहिए, जिसमें विवेक होगा वही दूध और पानी को अलग-अलग कर सकता है। कहने का मतलब यह है कि हमें बुराई को छोड़कर अच्छाई ग्रहण करना चाहिए। प्रो. अवस्थी ने छात्र-छात्राओं को बताया कि विद्या की आराध्य देवी सरस्वती का स्वरूप श्वेत वर्ण होता है तथा उनका वाहन भी सफेद हंस ही है। सफेद रंग शांति और पवित्रता का प्रतीक है। सफेद रंग शिक्षा देता है कि अच्छी विद्या और संस्कार के लिए आपका मन शांत और पवित्र हो। इस अवसर पर बड़ी संख्या में प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
के.डी. कॉलेज आफ नर्सिंग एण्ड पैरा मेडिकल साइंस के छात्र-छात्राओं को बताया गया कि मां सरस्वती वाणी एवं ज्ञान की देवी हैं। ज्ञान को संसार में सभी चीजों से श्रेष्ठ कहा गया है, इस आधार पर देवी सरस्वती सभी से श्रेष्ठ हैं। कहा जाता है कि जहां सरस्वती का वास होता है वहां लक्ष्मी एवं काली माता भी विराजमान रहती हैं। सरस्वती माता कला की भी देवी मानी जाती हैं अत: कला क्षेत्र से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विधिवत पूजा करते हैं।
चित्र कैप्शनः मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करते प्राध्यापक तथा छात्र-छात्राएं।

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