Saturday, November 23, 2024
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सर्वोत्तम रोगी देखभाल प्रयोगशाला बिना असम्भवः डॉ. अवधेश मेहता के.डी. मेडिकल कॉलेज में प्रयोगशाला प्रबंधन पर चार दिवसीय प्रशिक्षण का समापन

मथुरा। के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के पैथालॉजी विभाग द्वारा पहली बार प्रयोगशाला में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली तथा आंतरिक लेखा परीक्षा पर चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें ब्रज क्षेत्र ही नहीं बल्कि दिल्ली-एनसीआर के पैथालॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा बायोकेमिस्ट ने हिस्सा लिया। प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया गया। प्रशिक्षण का समापन शनिवार को प्रमाण-पत्र वितरण के साथ हुआ।
चार दिवसीय प्रशिक्षण सत्र की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विभागाध्यक्ष पैथालॉजी डॉ. प्रणीता सिंह ने कहा कि सर्वोत्तम रोगी देखभाल के लिए गुणवत्तापूर्ण रिपोर्ट आवश्यक है। पैथालॉजी लैब का एनएबीएल प्रमाणीकरण उस लैब द्वारा जारी की जाने वाली रिपोर्टों की गुणवत्ता की गारंटी माना जाता है। इस एनएबीएल प्रमाणीकरण को प्राप्त करने के लिए सबसे पहले संकाय और कर्मचारियों को आईएसओ-15189 में प्रशिक्षित होना जरूरी होता है। डॉ. प्रणीता सिंह ने के.डी. मेडिकल कॉलेज में आईएसओ 15189:2022 मानक अनुसार प्रयोगशाला में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली तथा आंतरिक लेखा परीक्षा प्रशिक्षण में सहयोग के लिए आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल की मुक्तकंठ से प्रशंसा की क्योंकि इससे पहले इस तरह के प्रशिक्षण के लिए मथुरा से बाहर जाना पड़ता था।
के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर मथुरा के प्राचार्य और डीन डॉ. आर.के. अशोका, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, उप-प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने अतिथि वक्ताओं डॉ. अवधेश मेहता (अध्यक्ष और सीईओ साम सिडुस प्रा.लि.) तथा इंटरनेशनल मेडिटेशन कोच तथा दिल्ली एनसीआर में हलचल ग्रुप की संस्थापक आरजू भाटिया का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ. अवधेश मेहता ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधान, उपयोग एवं प्रतिपूर्ति में प्रयोगशाला परीक्षण तथा सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि व्यापक दृष्टिकोण प्रयोगशाला परीक्षण प्रक्रिया के सभी चरणों के लिए जरूरी है।


डॉ. मेहता ने कहा कि चिकित्सा प्रयोगशाला विज्ञान स्वास्थ्य देखभाल टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सटीक, समय पर तथा विश्वसनीय परिणाम प्रदान करता है। प्रयोगशाला गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली (क्यूएमएस) का काम रोगियों और सेवा उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है। प्रत्येक तत्व हमारे रोगियों, हमारे नियोक्ताओं तथा स्वयं को आश्वस्त करने के बारे में है कि हम एक गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान कर रहे हैं तथा हम इसे साबित कर सकते हैं।
हमारी प्रयोगशाला गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि हमारे पास प्रशिक्षित कर्मचारी हैं, जो सही समय पर सही काम कर रहे हैं तथा सही समय पर रोगी के लिए सही परिणाम दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि अच्छा दस्तावेज नियंत्रण यह सुनिश्चित करता है कि उपयोग के स्थान पर एक अद्यतन, सटीक, अनुमोदित प्रक्रिया उपलब्ध है। प्रयोगशाला क्यूएमएस त्रुटियों के जोखिम को कम करने तथा स्थिरता बढ़ाने में सहायता करती है।
अंतरराष्ट्रीय ध्यान प्रशिक्षक आरजू भाटिया ने प्रशिक्षणार्थियों को चिकित्सा के क्षेत्र में ध्यान के महत्व से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि ध्यान आपको आपके उस भाग से जोड़ता है जोकि सदैव ही शांत रहता है तथा जिस पर घटनाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि ध्यान से आपके मस्तिष्क का ग्रे मैटर बढ़ता है, इससे आपमें स्पष्टता और केन्द्रित होने की शक्ति बढ़ती है। प्रयोगशाला में गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली तथा आंतरिक लेखा परीक्षा प्रशिक्षण में शामिल पैथालॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट तथा बायोकेमिस्ट ने कार्यक्रम को बहुत उपयोगी तथा ज्ञानवर्धक बताया। अंत में डॉ. प्रणीता सिंह ने सभी का आभार माना।

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