Friday, October 18, 2024
Homeन्यूज़पशु विभाग की लापरवाही से 50 भैंसों की मौत

पशु विभाग की लापरवाही से 50 भैंसों की मौत

  • वेटनरी फर्मासिस्ट बोले मलेरिया निमुनिया रोग से हो रही मौत
  • पशु चिकित्सक चिकित्सालय से नदारद

नौहझील-नौहझील क्षेत्र में पशु विभाग के डाक्टरों की लापरवाही के चलते लगभग पांच दर्जन पशुओं की मौत हो चुकी है।बावजूद इसके पशु चिकित्सक मुकेश कुमार नदारद हैं। राज्य सरकार द्वारा पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसके लिए सरकार ने पशु बीमा योजना, डेयरी ऋण व दूध प्रतियोगिता जैसी करीब दर्जन व योजना लागू कर रखी हैं। बावजूद इसके पशु चिकित्सकों की लापरवाही से पशुपालक परेशान है। क्योंकि गत 15 दिनों से पशुओं में निमुनिया व मलेरिया बीमारी पूरी तरह क्षेत्र फैल चुकी है। बीमारी से विभाग बेखबर है, जबकि लगातार अचानक पशुओं की मौत हो रही है। लेकिन विभाग की ओर से बीमार पशुओं पर काबू पाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव शल्ल में पशुपालक गंगा चरण की 6, करण सिंह की 2 , राजवीर सिंह की 2 , राजेश मास्टर की 5,मुकेश की 2,अनिल मास्टर की 5, दिलावर की 2,गंगा की 5,मोहन की 2,पाली की 2,संता की 1, सुरेंद्र की 2 भैंसों की मौत हो गई। वहीं गांव रायपुर निवासी जयदेव सिंह की 1 व गिर्राज की 5 भैंसों की मौत हो गई।पशुपालक गिर्राज ने बताया एक-एक करके उनकी भैंसों की मौत हो गई है।चिकित्सकों द्वारा भी बीमारी का पता नहीं चल रहा है कि कैसे मौत हो गई। बताया कि जहरीली पदार्थ खाने से पशुओं की मौत हुई है।पीड़ित पशुपालक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी भैंसों ने अच्छी तरह चारा खाया, लेकिन रात में अचानक भैंसे में कंपन हुआ उसके बाद भैंस जमीन पर गिर गई और उनकी मौत हो गई। चिकित्सकों द्वारा भैंसों में मलेरिया व निमुनिया रोग बताया है।
वर्जन

पशु चिकित्सालय नौहझील पर तैनात वेटनरी फर्मासिस्ट पीएम शर्मा ने बताया कि पशुओं में मलेरिया व निमुनिया रोग फैलने से मौत हो रही है। टीमों को भेजकर पशुओं का उपचार कराया जा रहा है।

पशु चिकित्सालय से पशु चिकित्सक नदारद

पशु चिकित्सालय नौहझील पर तैनात चिकित्सक मुकेश कुमार चिकित्सालय से नदारद मिले। वहां मिले वेटनरी फर्मासिस्ट पीएम शर्मा ने बताया कि बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी होने के कारण वह नहीं आते हैं।
वहीं पशुपालक अतीपाल शर्मा, अशोक कुमार, जयदेव सिंह, ओमवीर, मनोज कुमार आदि ने बताया कि पशु चिकित्सालय नौहझील पर न तो कोई डाक्टर बैठते हैं और न ही पशुओं को दवाएं दी जाती हैं। पशुओं के लिए दवाएं फार्मासिस्ट द्वारा बाजार की लिखी जाती है जो कि मजबूरन खरीदनी पड़ती हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments