Friday, October 18, 2024
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किसानों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर बनाई संघर्ष समिति

रिपोर्ट राघव शर्मा
बरसाना। बरसाना में टाउनशिप के लिए की जा रही भूमि अधिग्रहण से नाराज किसानों ने संघर्ष समिति का गठन कर लिया है। यह समिति जनप्रतिनिधियों व मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगी। न मानने पर हाईकोर्ट का दरबाजा खटखटाएंगे। संघर्ष समिति ने स्थानीय नेताओं पर ठाकुर विहीन बरसाना करने का आरोप लगया।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा बरसाना को विकसित करने के लिए एक टाउनशिप बनाने के लिए 157 एकड़ भूमि का अधिग्रहण करने के फैसले के बाद यहां के किसान लामबन्ध हो गए किसानो ने सरकार से लड़ने के लिए एक संघर्ष समिति का गठन कर लिया। यह समिति स्थानीय प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री से खेती की जमीन को अधिग्रहण करने को मना करेगी। अगर सरकार नहीं मानी तो संघर्ष समिति हाईकोर्ट का दरबाजा खटखटाने पहुंचेगें। संघर्ष समिति के गजेंद्र सिंह, लखन, संजीव सिंह, रनवीर, पोहपी शंकरा, ओमी शंकरा, बुद्धा सिंह योगेंद्र सिंह , हीरालाल ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों पर आरोप लगाया है कि कस्बे के किसानों का एकमात्र आजीविका का साधन खेती है। इसको छीनकर सरकार के नुमाइंदे बरसाना को ठाकुर मुक्त करना चाहती है। यहां के किसानों के पास सरकारी नोकरी नहीं है। अगर यह जमीन हमसे छिन जाएगी तो हम लोग सब बेकार हो जाएंगे। इतना ही नहीं इन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि जिस क्षेत्र में बरसाना के किसानों की जमीन को अधिग्रहण किया जा रहा है उस क्षेत्र एक प्रभावशाली व्यक्ति की जमीन को अधिग्रहण से मुक्त कर दिया है। इससे इनकी मंशा का पता चलता है कि बरसाना के प्रभुत्व रखने वाले समाज को यहां से किसी भी प्रकार भगाया जाए।

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